इस निर्णय ने राज्य के उन हजारों बुजुर्गों को उम्मीद दी है, जो आर्थिक रूप से कठिनाई का सामना कर रहे थे। अब सरकार और संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी पात्र पेंशनरों को इस फैसले के तहत शीघ्र अतिरिक्त पेंशन का लाभ मिले।
क्या है पूरा मामला
सेवानिवृत्त निगमकर्मी जगदीश करोड़ीवाल ने एडवोकेट मनीष यादव के माध्यम से हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। उन्होनें अपनी याचिका में कहा कि उनके द्वारा निगमायुक्त को आवेदन देते हुए पेंशन वृद्धि की पात्रता का हवाला देते हुए 20 प्रतिशत पेंशन वृद्धि दिए जाने की गुहार लगाई गई थी, लेकिन उन्हें पेंशन वृद्धि का लाभ नहीं दिया गया। ये भी पढ़ें: Ladli Behna Yojana: लाड़ली बहनों को नवरात्रि पर मिलेगी बड़ी खुशखबरी, आ गया अपडेट! सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए आदेश
न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने एडवोकेट मनीष यादव की दलीलें सुनने के बाद निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता को 30 दिन के अदंर 80 वर्ष में प्रवेश करने के आधार पर पेंशन का भुगतान किया जाए साथ ही इस राशि पर ब्याज भी दिया जाए।
पेंशन नियमों के अनुसार वृद्धि का प्रावधान
मध्य प्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियमों के अनुसार, 80 से 85 वर्ष के बीच के पेंशनभोगियों को 20% अतिरिक्त पेंशन, 85 से 90 वर्ष के बीच 30% अतिरिक्त पेंशन, 90 से 95 वर्ष के बीच 40% अतिरिक्त पेंशन, और 95 से 100 वर्ष के बीच 50% अतिरिक्त पेंशन मिलती है। 100 वर्ष की आयु के बाद पेंशन में 100% की वृद्धि का प्रावधान है।
प्रदेश में है 80 वर्ष के 50 हजार पेंशनभोगी
मध्य प्रदेश में लाखों पेंशनभोगी हैं, जिनमें से बड़ी संख्या 80 वर्ष से अधिक आयु के है। एक अनुमान के अनुसार, राज्य में लगभग 5 लाख पेंशनभोगी हैं, जिनमें से 80 वर्ष से अधिक के पेंशनभोगी की संख्या करीब 50,000 के आसपास है। ऐसे में यह फैसला इन बुजुर्ग पेंशनरों के लिए एक बड़ी राहत साबित हो सकता है, जो अपने जीवन के अंतिम चरण में आर्थिक सहारे की अपेक्षा रखते हैं।
अभी तक थे ये नियम
सरकार के द्वारा जो 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन दी जाती है उसके लिए पेंशन धारी को 80 वर्ष पूर्ण होने का प्रमाण पत्र जमा करना होता था। उसके बाद उसे 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन मिलती थी, लेकिन अब वह 79 वर्ष पूर्ण करते ही जब से 80 वर्ष में प्रवेश करेगा उसे अतिरिक्त लाभ मिलने लगेगा। इस तरह पेंशन धारी को 80 वर्ष के प्रथम दिन से ही 20 प्रतिशत अतिरिक्त पेंशन का लाभ मिलेगा।