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बिना रेंप के बना दिया पांच मंजिला अस्पताल, जनरेटर भी नहीं

– पीसी सेठी अस्पताल शुरू होते ही आएंगी परेशानी, जाँच समिति ने निकली 49 खामियां

इंदौरAug 03, 2018 / 11:09 am

Lakhan Sharma

pc sethi hospital indore

बिना रेंप के बना दिया पांच मंजिला अस्पताल, जनरेटर भी नहीं

इंदौर।
शासकीय प्रकाशचंद सेठी अस्पताल की पंाच मंजिला नई ईमारत बनकर तैयार है। इस ईमारत में सबसे बड़ी खामी निकलकर सामने आई जो रेंप का न होना है। दरअसल अस्पताल में ऊपरी मंजिलों पर मरीजों को ले जाने के लिए रेंप की सबसे बड़ी जरूरत है, क्योंकि कभी लिफ्ट काम न करे और आपातकाल स्थिति हो तो मरीजों को ऊपर ले जाना और नीचे लाना अनिवार्य हो जाएगा। लेकिन अस्पताल में रेंप ही नहीं बनाए गए हैं। अल्टरनेट व्यवस्था के रूप में लिफ्ट बना दी गई, लेकिन यहां भी बड़ी खामी है। लिफ्ट के लिए अगर लाईट चली जाए तो जनरेटर की भी व्यवस्था नहीं की है। एसे में किसी भी वक्त हादसा होने की संभावनाए बनी रहेगी।

– प्रशासनिक अधिकारी शुरू करने की कर रहे तैयारी
खासबात हे की अस्पताल को शुरू करने के लिए प्रशासनिक अधिकारियों का भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर दबाव बढ़ रहा है। पिछले दिनों कलेक्टर के निर्देश के बाद ही सीएमएचओ डॉ. एचएन नायक और सिविल सर्जन डॉ. एमपी शर्मा इसे देखने पहुंचे थे। लेकिन अस्पताल में खामियां है, जिसके चलते इसे शुरू नहीं किया जा सकता। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन द्वारा बनाई गई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें ४९ छोटी बड़ी खमियां बताई गई थी। इनमें से कई खामियां एसी हैं जिन्हे पुरा करने में लगभग दो से तीन माह लग जाएंगे। उधर शेत्रिय विधायक भी सत्ता से जुडी हैं इसके चलते उनकी भी योजना में यह शामिल है की चुनाव की आचार संहिता लगे इसके पहले इस अस्पताल का उद्घाटन कर श्रेय लिया जा सके.

– अभी नहीं योजना
इस संंबंध में पीडब्लयूडी के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर अतुल भटनागर से बात की गई तो उनका कहना है की अभी तो जनरेटर का कोइ्र प्रावधान नहीं है, लेकिन बिल्डिंग पुरा होने में समय है। अगर मांग आई तो इसे लगाने पर विचार किया जाएगा। गौरतलब है की पीडब्ल्यूडी की पीआईयू विंग को सूपरविजन के लिए पुरे प्रोजेक्टर का ६ प्रतिशत चार्ज दिया जाएगा। इसके बावजुद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने ४९ खामियां निकाल दी, जिसके बाद पीआईयू के सूपरविजन पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्यों पीआईयू के अधिकारियों ने ठेकेदार कंपनी की खामियों पर ध्यान नही ंदिया।
– 49 बिन्दुओं में ये हैं महत्वपूर्ण
प्रवेश द्वार पर लगी फिसलन वाली टाइल्स हटाना
दवाई बितरण कक्ष में प्लेटफार्म नहीं होना
एक्सरे कक्ष में खिड़की का होना
सभी ओपीडी कक्षों में वाश बेसिन का न होना
वर्तमान चिकित्सालय की प्रथम मंजिल को नए भवन की प्रथम मंजिल से नहीं जोड़ा गया
द्वितीय मंजिल में प्रसव वार्ड में आक्सीजन लाइन न होना
नक़्शे के अनुसार दूसरी मंजिल पर आरसीसी दीवार का निर्माण न होना
एसएनसीयु की सभी खिडकियों में एल्युमिनियम की फ्रेम लगाकर बंद नहीं किया गया
पुरे भवन में फायर एक्जिट की सीडियां नहीं है, सभी सीढियां बीच भवन में हैं.
नए भवन के निर्माण के दौरान पुराणी ईमारत में रिसाव और ड्रेनेज लाइन का नुकसान होना जिसे नहीं सुधरा गया
– खामियां जल्द करेंगे दूर
हमने टीम बनाइ थी, जिसकी जाँच रिपोर्ट हमें मिल गई है. वरिस्थ अधिकारीयों से चर्चा कर जल्द से जल्द खामियां दूर करने का प्रयास करेंगे.
डॉ एमपी शर्मा, सिविल सर्जन

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