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Patrika Raksha Kavach Abhiyan: साइबर फ्रॉड करने वाली गैंग का भंडाफोड़, 8 करोड़ के हुए ट्रांजेक्शन

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: पुलिस ने होटल में पकड़ाए गैंग के सदस्यों की तकनीकी जांच की तो राजस्थान की गैंग का कनेक्शन सामने आया।

इंदौरDec 22, 2024 / 04:06 pm

Astha Awasthi

Patrika Raksha Kavach Abhiyan

Patrika Raksha Kavach Abhiyan

Patrika Raksha Kavach Abhiyan: अवैध गेमिंग और साइबर फ्रॉड का पैसा किराए के खातों से ट्रांसफर करने वाली गैंग का भंडाफोड़ विजय नगर पुलिस ने किया है। गैंग बड़े ही हाईटेक तरीके से देशभर में हुए गेमिंग फ्रॉड व अन्य ठगी का पैसा चाइनीज मास्टमाइंड तक पहुंचाने का काम कर रही है। पुलिस ने होटल में पकड़ाए गैंग के सदस्यों की तकनीकी जांच की तो राजस्थान की गैंग का कनेक्शन सामने आया।
पुलिस 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। ठगी में पहली बार एपीके (एनड्रोइड ऐप्लीकेशन पैकेज) के इस्तेमाल की बात सामने आई है। गैंग के सदस्य इसकी मदद से किराए के खाते में आई ठगी की राशि को पलक झपकते अन्य खातों में चेन सिस्टम में ट्रांसफर कर रहे थे।

7 से 8 करोड़ के लेनदेन की जानकारी मिली

जोन-2 डीसीपी अभिनय विश्वकर्मा के नेतृत्व में एसीपी आदित्य पटले और टीआइ चंद्रकांत पटेल की टीम को पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे फर्जी अकाउंट में गेमिंग और एडवाइजरी के रुपए डालते हैं। गैंग का मुख्य सदस्य भूरा उर्फ सुतार है जो राजस्थान का रहने वाला है।
वह छत्तीसगढ़ और कई प्रदेशों के लोगों के अकाउंट की व्यवस्था कर अपने साथियों को देता है। केस में आरोपी भूरा के साथ उसका साथी सुनील को भी गिरफ्तार किया। आरोपियों से मिले 10 बैंक खातों में पुलिस को 7 से 8 करोड़ के लेनदेन की जानकारी मिली है। अब पुलिस को राजस्थान के प्रतापगढ़, उदयपुर, अकोला, फतेहपुर में सक्रिय गैंग के सदस्यों की तलाश है।
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सर्वर के मुख्य संचालक चाइनीज ठग की तलाश

डीसीपी के अनुसार, जांच में सामने आया कि एपीके जिस सर्वर से जुड़ा है उसका आखिरी छोर किसी चाइनीज ठग से जुड़ा है। उसकी तलाश जारी है। एपीके बनाने वाले की पहचान हो गई है। ठगी के पैसे जिन खातों में आते वह 50 हजार रुपए में बिकते हैं। कुछ खातों की लिमिट भी होती है, जो अधिक ट्रांजेक्शन पर बैंक से बंद कर दिया जाता, लेकिन तब तक एपीके से गैंग खाते में आई करोड़ों की राशि चेन सिस्टम से मास्टरमाइंड तक पहुंचा देती।
हालांकि बैंक सिर्फ ठगी की राशि जैसे दो लाख, तीन लाख वही सीज कर पाती। एक खाता ऐसा भी सामने आया है, जिसमें तीन दिन में 5 करोड़ ट्रांसफर हुए है। उसे जांच में शामिल किया है। मालूम हो, विजय नगर पुलिस ने भोपाल के युवक और उसके साथियों को होटल से पकड़ा था। जांच में पता चला कि कमीशन के खाते में आई ठगी के पैसों को लेकर आरोपियों में विवाद हुआ था। तकनीकी जांच में राजस्थान की गैंग व एपीके की बात सामने आई।

गैंग को संचालित करने वालों का नाम उजागर

डीसीपी ने बताया, पूरी गैंग को निक्की उर्फ नितिन शर्मा उसके साथी संचालित कर रहे थे। प्रकाश उर्फ भूरा उनके लिए काम करता है। दोनों ने कई राज्यों में धोखाधड़ी और करोड़ों रुपए के खाते संचालित किए गए। करोड़ों के खाते जिन लोगों ने संचालित किए जांच में उनके नाम राजकिंग, असलम मंसूरी, दीपक, रतन, विशाल, रतन, श्याम रघुवंशी, अभिषेक भदौरिया, हेमंत चौरसिया, मार्क्स, अनिरुद्ध हैं।

एपीके से पलभर में उड़ा रहे ठगी का पैसा

डीसीपी विश्वकर्मा ने बताया, गैंग के सदस्य खाताधारक को लालच लेकर अकाउंट का होल्ड अपने हाथ में लेते हैं या फिर उसे साथ लेकर जाते हैं। उसकी सिम भी साथ लाते। होटल में सिम नए मोबाइल में लगाते। राजस्थान में बैठा गैंग का सदस्य चेन सिस्टम में एपीके आगे भेजता। होटल में बैठी गैंग एपीके मोबाइल में इस्टॉल कर रन करती, जिससे कई खाते सर्वर से जुड़ जाते। जैसे ही 2 लाख रुपए आते तो एपीके से दूसरे खाते में ट्रांसफर कर देते।

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