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इंजेक्शन लगाने पर रोक
अपने मरीज की इस तरह की हालत देखते हुए डॉक्टरों को इस संबंंध में बताया। मरीजों के परिजन की मानें तो, इंजेक्शन लगने के बाद उनके मरीज को इतनी ज्यादा ठंड लगी कि, 5 से 6 कंबल उढ़ाने के बाद भी ठंड में कमी नहीं आई। महाराजा यशवंतराव (एमवाय) अस्पताल के वार्ड 21 समेत शहर के कई अस्पतालों में भर्ती मरीजों में इस तरह के लक्षण देखे गए। एंफोटरइसिन बी के 12 हजार से ज्यादा इंजेक्शन हिमाचल प्रदेश की कंपनी से खरीेद गए थे। शुक्रवार को इन्हें अस्पतालों में दिया गया था। सागर के बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में मरीजों को ऐसे रिएक्शन सामने आने के बाद इंजेक्शन लगाने पर रोक लगा दी गई है।
सामने आए ये लक्षण
इंदौर के एमवाय अस्पताल के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉक्टर वीपी पांडे के मुताबिक, इंजेक्शन लगाने के बाद इस तरह के दुष्प्रभाव 30 से 40 फीसदी मरीजों में नजर आए। इसी वजह से इंजेक्शन को धीरे-धीरे दिया जाता है। जो दुष्प्रभाव सामने आए हैं वे पूरी तरह से ज्ञात है। दो से तीन डोज के बाद इस तरह का दुष्प्रभाव सामने आए हैं। इंजेक्शन इंदौर आने के बाद जब उन्हें मरीजों को लगाया गया, तो इस तरह के रिएक्शन सामने आए। कई मरीजों को उल्टी-दस्त और ठंड की शिकायत आना शुरू हो गई। वहीं, किसी मरीज को चक्कर आ रहे हैं तो किसी को शरीर में झुनझुनी हो रही है। इस साइड इफेक्ट के सामने आने से इस इंजेक्शन की गुणवत्ता पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं।
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27 मरीजों को सागर में दिया गया था इंजेक्शन
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज में 42 ब्लैक फंगस के मरीज इलाज करा रहे हैं। इनमें से 27 मरीजों को ये इंजेक्शन दिये गए। बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डीन ने इंजेक्शन लगाने पर मरीजों में रिएक्शन की जानकारी मिलने के बाद तत्काल रोक लगाई दी है। साथ ही मामले की जानकारी से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया।कॉलेज के पीआरओ के अनुसार इंजेक्शन का रिएक्शन मरीजों पर देखने को मिला है। सभी मरीजों की हालत स्थिर है तथा इंजेक्शन के स्थान पर उन्हें वैकल्पिक दवाइयां दी जा रही हैं।
दो दिन पहले आए थे 12 हजार इंजेक्शन
7 हजार रुपए कीमत के ब्लैक फंगस के इस इंजेक्शन को हिमाचल के बद्दी में एफी फार्मा ने 300 रुपये की कीमत में मध्य प्रदेश को दिए गए थे। 34 बॉक्स इंदौर को मिले थे, जिनमें से 7 हजार इंजेक्शन निजी अस्पतालों और 5 हजार इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों को दिये गए थे।
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