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1200 इंजेक्शन खपा चुके हैं बाजार में
आपको बता दें कि, इंदौर के विजय नगर पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपियों की एक गैंग गुजरात के सूरत में नकली दवाएं बनाने वाले गिरोह से जुड़ी हुई हैं। इस गिरोह से पूछताछ के बाद गुजरात के कारोबारी सुनील मिश्रा को भी विजय नगर पुलिस ने हिरासत में लिया है। पूछताछ में पता चला है कि, मिश्रा अपने फार्म हाउस पर नकली इंजेक्शन तैयार करवाता था। करीब 1200 इंजेक्शन व दवाओं के कुछ बॉक्स इसने इंदौर व जबलपुर में अपनी गैंग के बदमाशों को दिए थे। इसमें से एक हजार इंजेक्शन इंदौर में गैंग के सदस्य धीरज (26) पिता तरुण साजनानी और दिनेश (28) बंसीलाल चौधरी निवासी अनुराग नगर को खपाता था। इन्हें पहले ही दबोचा जा चुका है। इनकी निशानदेही पर सुनील मिश्रा को गिरफ्तार किया गया है।
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ऐसे दिया करते थे वारदात को अंजाम
एसपी पूर्व आशुतोष बागरी के मुताबिक, शहर में पकड़ी गई दूसरी गैंग इंदौर में एसएनजी हाॅस्पिटल से जुड़ी है। आरोपी रेमडेसिविर व टॉसीलिजुमैब (टॉसी) इंजेक्शन 35 से 40 हजार रुपये में सोशल मीडिया के जरिए जरूरतमंदों को बेचा करता था। 6 मई की रात दो आरोपी आनंद (27) पिता अशोक झा निवासी गंगुला थाना बनी पट्टी बिहारी और महेश (41) पिता बसंत लाल चौहान निवासी नर्मदा कॉलोनी जबलपुर को 2 रेमडेसिविर के साथ गिरफ्तार किया था। आरोपी आनंद झा एसएनजी अस्पताल में हाउस कीपर है।
इस तरह की जाती थी सप्लाई
महेश खुद को डॉक्टर बताता है, जो मौजूदा समय में नेनोसिटी लसूड़िया का निवासी है।इन्हें टीम ने रोबोट चौराहे के पास 2 रेमडेसिविर इंजेक्शन के साथ गिरफ्तार किया। दोनों ने कबूला कि ये इंजेक्शन ब्लैक में मेदांता, भंडारी और अपोलो हॉस्पिटल के मरीज के परिजन को बेचने जा रहे थे। 30 अप्रैल 2021 को विजय नगर पुलिस टीम ने आरोपी धीरज (26) पिता तरुण साजनानी निवासी स्कीम 114 व दिनेश (28) पिता बंसीलाल चौधरी निवासी अनुराग नगर को गिरफ्तार किया था। इनसे पूछताछ में आरोपी प्रवीण, असीम भाले इंजेक्शन उपलब्ध करवा रहे थे। इसमें प्रवीण और असीम को भी सहआरोपी बनाकर गिरफ्तार किया तो पता चला इन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन सूरत में स्थित नकली दवा फैक्टरी से दिए जा रहे थे। इसमें फैक्टरी संचालक सुनील पिता रावेंद्र मिश्रा तैयार करवाकर उपलब्ध करवा रहा था।