सिंगल क्लिक पर यह ऑनलाइन गेमिंग का पूरा रैकेट तैयार हो चुका है, जिसमें घर बैठे अमीर बनने का सपना दिखाकर लोगों को लूटा जा रहा है। इंदौर आइआइटी के बीटेक फस्र्ट ईयर के छात्र रोहित की खुदकुशी ने ऑनलाइन बेटिंग गेम के मकडज़ाल को उजागर किया। चौंकाने वाली बात है कि ऑनलाइन गेमिंग की जानकारी पुलिस को भी है, लेकिन अब तक रैकेट को पकड़ा नहीं जा सका है।
पत्रिका ने सट्टेबाजी को किया बेनकाब
पत्रिका ने ऑनलाइन सट्टे के रैकेट को बेनकाब करने ग्राहक बनकर बात की। हल्की सी बातचीत के बाद आसानी से गेम खेलने आइडी-पासवर्ड मिल गया। वेबसाइट में लॉगिन करने पर वहां कई गेम पर सट्टा लगाने का ऑप्शन मिला। गिरोह के सरगना ऋषि से बातचीत के अंश… रिपोर्टर: हाय, आइडी बनवानी है। ऋषि: मेरा नंबर किसने दिया? रिपोर्टर: मेरा दोस्त है अमन, उसके पास है आइडी-पासवर्ड। वह गेम खेलता है। ऋषि: ओके, 10 मिनट में देता हूं।
ऋषि: (आइडी देने के बाद) लॉगिन के बाद पासवर्ड चेंज का ऑप्शन आएगा। उसमें अपने हिसाब से 8 डिजिट का पासवर्ड बना सकते हैं। रिपोर्टर: हो गया ओपन, अब क्या? ऋषि: अब आपको खेलने के लिए पॉइंट चाहिए तो पेमेंट डिपॉजिट करना पड़ेगा। आपके पेमेंट को पॉइंट में कन्वर्ट करके आपकी आइडी में डाल दिया जाएगा। उसके बाद ही आपका खेल जीतहार पर डिपेंड करेगा।
रिपोर्टर: जीतने पर पेमेंट अकाउंट में ही आएगा? ऋषि: अमन ने आपको बताया होगा ना, अकाउंट में ही आएगा। अमन भाई हमारे पुराने और भरोसेमंद ग्राहक हैं। बस एक बार ध्यान देना कि जब जब आपको डिपॉजिट करना हो तो पहले मुझसे अकाउंट डिटेल ले लें, क्योंकि अकाउंट नंबर बदलते रहते हैं।
रिपोर्टर: मैं नया हूं अभी, इसमें प्रॉफिट तो होता है न? अमन ने बताया था कि अच्छा काम होता है। ऋषि: प्रॉफिट और लॉस तो सब ऊपर वाले के हाथ में है। आप और हम तो सिर्फ कठपुतली हैं।
नोट: (आइडी ली, खेल शुरू नहीं किया तो आया मैसेज: जब पत्रिका रिपोर्टर ने कोई दांव नहीं लगाए तो अगले दिन सरगना ऋषि ने वाट्सएप मैसेज पर गेम शुरू होने की जानकारी भी भेजी।)
ऐसे शुरू होता है खेल
पत्रिका ने शहर में हाईटेक सट्टे की पड़ताल कर सरगना ऋषि तक पहुंचने में सफलता हासिल की। इस गेम में जुड़ने के लिए यूजर्स को दूसरे किसी यूजर्स का परिचय देना जरूरी होता है। आइए जानते हैं गेम का मॉडल -मोबाइल में ऐप पर ऑनलाइन ढेरों गेम हैं। इसे खेलने के लिए यूजर्स को आइडी-पासवर्ड जरूरी होता है। – लॉगिन होने के बाद यूजर्स को रैकेट के द्वारा दिए गए बैंक खाते में राशि जमा करानी होती है।
– अमूमन पूरा काम फोन पर ही ऐप के जरिए होता है, बड़ी रकम के दांव पर रैकेट के सदस्य खुद यूजर्स से पैसा लेने पहुंच जाते हैं। – गेम के शुरुआती राउंड में तो यूजर्स को छोटे मुनाफे दिखाकर लत लगाई जाती है। हौसला बढ़ाने मुफ्त की टिप्स भी दी जाती है। हार के बाद यूजर्स और परिवार को धमकाते हैं।