शहरी क्षेत्र में विभिन्न आवेदनों के आधार पर भवन निर्माण अनुमति यानी नक्शा मंजूर करने का काम बिल्डिंग परमिशन शाखा करती है। नक्शा मंजूर होने के बाद शहर में 12 मीटर (जी प्लस-3) और इससे अधिक ऊंचाई की बहुमंजिला आवासीय इमारत, कमर्शियल या फिर मिश्रित उपयोग वाली बिल्डिंग बनाने वाले निर्माणकर्ता को प्लींथ, सर्विस, कार्यपूर्णता और अधिभोग प्रमाण-पत्र लेना जरूरी होता है। इन प्रमाण-पत्र को लेने के लिए बिल्डिंग परमिशन शाखा में ऑनलाइन आवेदन लगते हैं। यह प्रमाण-पत्र देने की जिम्मेदारी निगम के 19 जोन पर तैनात बीओ-बीआई और समिति की है। आवेदन लगने के बाद कई-कई दिनों तक ध्यान नहीं दिया जाता।
बीओ-बीआई की लेटलतीफी की वजह से निगम की छवि अलग धूमिल होती है। निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिह्न अलग लगता है। यह देखते हुए निगमायुक्त प्रतिभा पाल ने कल एक आदेश जारी किया। इसमें बीओ-बीआई की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हुए प्लींथ, सर्विस, कार्यपूर्णता और अधिभोग प्रमाण-पत्र देने के लिए समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। साथ ही तय समय सीमा में कार्रवाई कर प्रमाण-पत्र न देने पर संबंधित बीओ-बीआई के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है। अगर किसी आवेदन में कमी या त्रुटि है तो तय समय में इसका उल्लेख कर आदेश पारित करें न कि आवेदन को लंबित रखें। अगर ऐसा हुआ तो कार्रवाई होगी। गौरतलब है कि इन प्रमाण-पत्रों को लेने की अनिवार्यता करने की पीछे वजह शहर में होने वाले अवैध निर्माण को रोकना है।
इस तरह तय की समय सीमा – प्लींथ प्रमाण-पत्र : बीआई 5 दिन और बीओ 3 दिन । – सर्विस प्रमाण-पत्र : बीआई 5 दिन और बीओ 3 दिन। – कार्यपूर्णता प्रमाण-पत्र : बीआई 5 दिन, बीओ 3 दिन और समिति 3 दिन।
– अधिभोग प्रमाण-पत्र : बीआई 5 दिन और बीओ 3 दिन।