एक तरफ जहां शहर में कांग्रेस का कमजोर संगठन है, वहीं पदाधिकारियों और नेताओं में आए दिन विवाद आम हैं। यह देखते हुए शहर कांग्रेस कमेटी ने अनुशासन समिति बनाई ताकि विवाद निबटाने के साथ अनुशासनहीनता करने वालों पर कार्रवाई की जा सके। समिति बनने के बाद कई नेताओं ने अनुशासनहीनता की, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। कारण पार्टी की छवि खराब करने वाले नेताओं के नाम समिति के पास न जाना बताया जा रहा है। अनुशासन तोडऩे वाले नेताओं पर कार्रवाई न होने का ही परिणाम है कि आपस में भिडऩे वाले नेता खुद के साथ पार्टी की बदनामी कर रहे हैं।
ताजा मामला शहर कांग्रेस कमेटी के दो प्रवक्ताओं का है। इनमें से एक शहर कांग्रेस अध्यक्ष विनय बाकलीवाल के खास संजय बाकलीवाल तो दूसरे वरिष्ठ विधायक सज्जन सिंह वर्मा के करीबी विवेक खंडेलवाल हैं। नगर निगम चुनाव और वर्चस्व को लेकर दोनों के बीच जंग छिड़ी हुई है, जो अब सोशल मीडिया पर टीका-टिप्पणी तक पहुंच गई है। सज्जन के करीबी प्रवक्ता खंडेलवाल ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा है कि संजय बाकलीवाल नाम के व्यक्ति का एक ही काम, शिकार ढूंढ़ो और ये रोज नए शिकार ढूंढ़ता है। इससे सावधान रहें। बाकलीवाल को अपने कार्यालय के आसपास भी फटकने मत देना पनौती है। गौरतलब है कि प्रवक्ता बाकलीवाल की कार्यशैली को लेकर अन्य कई नेता भी कई बार उंगली उठा चुके हैं। साथ ही इनका गांधी भवन पर पूरा कब्जा अलग रहता है। इनके व्यवहार की वजह से कई नेताओं ने गांधी भवन की सीढिय़ां चढऩा तक बंद कर दिया।
संगठन को कर दिया कमजोर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने एक व्यक्ति एक पद का नियम बना दिया है, लेकिन बाकलीवाल तीन-तीन पद पर जमे हैं। गांधी भवन पर इनका कब्जा रहता है और कार्यालय आने वाले कार्यकताओं को कुछ नहीं समझते हैं। चुनाव चल रहा है। उनसे जानकारी मांगी जाती है तो आनाकानी करने के साथ इनकार कर देते हैं। उनके इस व्यवहार को लेकर अध्यक्ष से भी शिकायत की गई है ताकि कांग्रेस संगठन को कमजोर करने वाले पदाधिकारियों पर कार्रवाई हो।
– विवेक खंडेलवाल, शहर कांग्रेस प्रवक्ता अध्यक्ष के समक्ष आकर करें बात मेरे बारे में सोशल मीडिया पर किसने क्या लिखा, मुझे इस बारे में जानकारी नहीं है। लिखने वाले लिखते रहें। मुझे कांग्रेस संगठन ने जो जिम्मेदारी है, उसे मैं ईमानदारी से निभा रहा हूं। किसी को नाराजगी है तो सीधे शहर अध्यक्ष के समक्ष आकर बात करे।
– संजय बाकलीवाल, शहर प्रवक्ता