शहर की बढ़ती आबादी के साथ यहां दूध की खपत भी लगातार बढ़ती जा रही है। दूध विक्रेता संघ के अध्यक्ष भारत मथुरावाला का कहना है कि, 35 लाख की आबादी वाले इंदौर शहर में प्रतिदिन 12 लाख लीटर से अधिक की दूध की खपत होती है, जिनकी कीमतों में दूध संघ निर्णय के अनुसार 2 रुपए प्रति लीटर की कमी हुई है।
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जनता को बड़ी राहत
इंदौर दुग्ध संघ द्वारा जनता को राहत देते हुए फैसला लिया गया है, जिसके तहत अब दूध की डेयरियों पर 62 रुपए प्रति लीटर की दर से मिलने वाला दूध अब 60 रुपए प्रति लीटर की दर से मिलेगा। दामों में कटौती के पीछे का कारण अच्छी वर्षा, हरे चारे की उपलब्धता, कपास्या खली और चापड़ के भाव में गिरावट बताई जा रही है। इन सभी चीजों की उपलब्धता के चलते दुग्ध संघ ने आम जनता को बड़ी राहत दी है। हालांकि, दूध की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए फैट प्रणाली से दूध का क्रय विक्रय किया जाना तय हुआ है।
सस्ती हुई खली
इंदौर दूध विक्रेता संघ के अध्यक्ष भरत मथुरावाला द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अच्छी बारिश होने के चलते हरे चारे की उपलब्धता और कपास्या खली के भाव में 100 से 150 रुपए प्रति क्विंटल, चापड़ में 700 से 550 रुपए प्रति क्विंटल की गिरावट आई है, जिससे पशुओं के रखरखाव और भोजन की लागत में कमी आई है। यही वजह है कि दूध के उत्पादन लागत मूल्य में कुछ हद तक कमी हुई है।