वे कहते हैं कि हॉस्पिटल में हर माह 70 से 80 मरीज कैंसर के आ रहे हंै। कैंसर में स्तन कैंसर से लेकर लीवर, अमाशय आदि के लगातार सामने आ रहे हैं। डॉ. भार्गव का कहना है कि महिलाओं में जागरुकता की कमी होने से स्तन कैंसर के मरीज अधिक बढ़ रहे हैं। वे अपने शरीर को लेकर लापरवाही बरतती हैं। कई बार गठान होने, आकार कम ज्यादा होने पर भी इसे हल्के में लेती हैं, जो आगे चलकर गंभीर बीमारी के रूप में सामने आता है। डॉ. भार्गव का कहना है कि महिलाओं को हर महीने स्वपरीक्षण करते रहना चाहिए। खासकर माहवारी खत्म होने के बाद। इसका तरीका है कि वे इस बात का ध्यान रखें कि गांठ तो नहीं है, आकार में अंतर तो नहीं आ रहा है। सूजन तो नहीं आ रही है। छोटी-छोटी सावधानियां रखकर बीमारी को गंभीर स्थिति में पहुंचने से पहले ही रोका जा सकता है।