वर्तमान में शहर में सिंदूरी, बादाम और हापुस की तीन से चार टन की मांग निकल रही है। पिछले वर्षों के आंकड़ों पर गौर करें तो इंदौरी (गर्मी सीजन) चार महीने के दौरान ही 1000 टन यानी 10 हजार क्विंटल या 10 लाख किलोग्राम आम खा जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा डिमांड में कीमतों के चलते बादाम की रहती है। हालांकि स्वाद में तो लंगड़ा और दशहरी ही मैदान मारते हैं।
फलों का राजा इन दिनों आम लोगों की पहुंच से दूर नजर आ रहा है। आम की कीमतें 130 से 180 रुपए के बीच चल रही हैं, जो गत वर्ष 70 से 100 रुपए थी। सीजन के हिसाब से कीमतें ज्यादा बताई जा रही हैं। जानकार बताते हैं, कम बारिश से पैदावार पर असर पड़ा है। मंडियों में ज्यादातर आम गुजरात से आ रहा है। मार्केट में बादाम 150 से 180, हापुस 450 और सिंदूरी (लालपट्टा) 120 से 130 रुपए किलो मिल रहा है। उम्मीद है कि एक हफ्ते में उत्तरप्रदेश से आम आना शुरू हो जाएगा।
उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश समेत आम उत्पादक राज्यों में किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। इस बार पेड़ों में जिस तरह से मंजर (बौर) लगे हैं, इसे देख आम के बेहतर उत्पादन की आशा दिख रही है। भिंड 7 जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर ग्राम धरई के रास्ते में खेत में लगा आम का पेड़ बौर से आच्छादित हो गया है। किसानों ने बताया कि कई सालों बाद आम के पेड़ पर इतना बौर देखा है।
आपूर्ति के मुकाबले खपत 25 से 30 प्रतिशत अधिक बनी हुई है। आम की कीमतों में तेजी-मंदी आगे मौसम पर निर्भर करेगी। खासकर आम के दाम मौसम के अनुसार घट-बढ़ सकते है। तेज हवा और बारिश से आम को नुकसान पहुंच सकता है।
– प्रतापसिंह भिलवारे, अध्यक्ष, इंदौर फ्रूट मर्चेंट एसोसिएशन
आमतौर पर नवरात्रि से आम की किस्में आना शुरू होती हैं, लेकिन इस बार बादाम और हापुस 15 दिनों पहले ही आ गया। शुरुआत में कम माल आने से कीमतें तेज है। आगे की फसल में आने में देरी है।
नरेश फुंदवानी, सचिव, इंदौर फूट मर्चेंट एसोसिएशन
सिंदूरी – 100 से 110 110 से 120 10 से 20
बादाम – 120 से 130 150 से 180 50 से 60
हापुस – 400 से 425 425 से 450 6.25 से 6.35