इंदौर. देश के सात सांस्कृतिक केंद्रों में से एक दक्षिण-मध्य सांस्कृतिक केंद्र की ओर से शहर में 26 से 29 दिसंबर तक महाराष्ट्र दर्शन महोत्सव मनाया जाएगा। यह महोत्सव दक्षिण-मध्य सांस्कृतिक केंद्र के तहत आने वाले 5 राज्यों मप्र, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आंध्र और कर्नाटक के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत किया जाएगा। इसका उद्देश्य एक राज्य की सांस्कृतिक परम्पराओं, कलाओं को दूसरे राज्यों के लोगों से परिचित कराना है। प्रतिदिन शाम 6.30 बजे से डीएवीवी ऑडिटोरियम में होने वाले इस महोत्सव का आयोजन स्थानीय सांस्कृतिक संस्था सानंद न्यास के सहयोग से आयोजित किया गया है।
महाराष्ट्र दर्शन महोत्सव के पहले दिन 26 दिसंबर को नृत्य नाट्य पाडवा से होली पेश किया जाएगा। इस कार्यक्रम को नागपुर की अनघा गोडबोले और साथी पेश करेंगे। इसमें महाराष्ट्र मंे मनाए जाने वाले सभी त्योहारों और लोक उत्सवों की झलक दिखाई जाएगी। 27 दिसंबर को संतवाणी कार्यक्रम होगा। इसमें गायिका मंजूषा कुलकर्णी कवि संतों की रचनाओं पर आधारित सांगीतिक प्रस्तुति देंगे।
28 दिसंबर को महाराष्ट्र की लोकधारा की प्रस्तुति होगी। इसमें मराठी पोवाड़ा,भारुड़, धनगरी गजा, कोरकू नृत्य, कोली नृत्य आदि की प्रस्तुति दी जाएगी। 29 दिसंबर के कार्यक्रम का नाम है दणकेबाज लावणी। इसमें छाया खुटेगांवकर और साथी लावणी की रंगारंग प्रस्तुति देंगे।
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