बायोमेथिनेशन का इतनी क्षमता का कोई प्लांट पूरे देश में नहीं है। इंदौर पहला शहर होगा, जहां इतना बड़ा प्लांट लगाया जाएगा। पीपीपी मॉडल पर ये प्लांट देश की बड़ी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा द्वारा लगाया जाएगा।
संयंत्र में रोज सब्जियों का कचरा डाला जाएगा। इसे नष्ट करने पर मूलत: तीन प्रमुख गैसें कॉर्बन डाय आक्साइड, सल्फर डाय ऑक्साइड और मिथेन निकलती हैं। यहां तीन तरह से प्लांट लगेंगे, जिसमें गैसों में से पहले सल्फर को डिसल्फर प्रोसेस से अलग किया जाएगा। हाइड्रोजन को अलग कर लिया जाएगा। इसके बाद बची हुई गैस में से मिथेन और कॉर्बन डाय ऑक्साइड को अलग करेंगे। दोनों गैसों के अलग होने पर मिथेन की ज्वलन क्षमता बढ़ जाएगी, जो उच्च दर्जे की सीएनजी में तब्दील हो जाएगी। इसे बॉटल में भरकर बसों में भरने के लिए पहुंचाएगा।
-मालिनी गौड़, महापौर