indore ujjain distance by road: इंदौर-उज्जैन रोड सिक्स लेन बनने से वाहनों की आवाजाही सुगम होगी। वर्तमान में 25 हजार वाहनों का इंदौर-उज्जैन के बीच आवागमन होता है। सिक्सलेन बनने के बाद यह क्षमता बढ़कर करीब 60 हजार वाहनों की हो जाएगी। यही नहीं, इंदौर-उज्जैन के 55 किमी की दूरी तय करने में 20 मिनट कम समय लगेगा। खासकर सिंहस्थ-2028 के लिए यह सिक्स लेन क्राउड मैनेजमेंट के लिहाज से महत्वपूर्ण साबित होगी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को सुबह सिक्स लेन निर्माण का विधिवत शुभारंभ किया। टेंडर शर्तों के मुताबिक 2027 तक इसे क्पलीट करना है। मप्र सड़क विकास प्राधिकरण द्वारा इंदौर-उज्जैन के बीच 45 किमी लंबे मार्ग को 1692 करोड़ रुपए से सिक्सलेन में तब्दील किया जा रहा है। इसका टेंडर गुजरात की रवि इंफ्रोटेक को दिया गया है।
सिक्सलेन इंदौर के अरबिंदो अस्पताल से शुरू होगा और हरिफाटक ब्रिज तक खत्म होगा। वर्तमान में इंदौर-उज्जैन रोड 8.50-8.50 मीटर चौड़ा है। सिक्स लेन में तब्दील होने के बाद 25 मीटर यानी 12.50-12.50 मीटर में चौड़ा हो जाएगा। इसमें एक ओर 3.50 मीटर की तीन लेन तो 4 मीटर के शोल्डर होंगे।
वहीं 45 किमी लंबे मार्ग में कहीं भी जमीन अधिग्रहण नहीं की जाएगी। दरअसल, फोरलेन में पहले से बहुत जगह खाली मौजूद है। जहां-कहीं निर्माण है, तो उन्हें हटाया जाएगा।
3 फ्लायओवर और 6 अंडरपास बनाए जाएंगे
सिक्सलेन निर्माण में तीन फ्लायओवर व 6 अंडरपास बनाए जाएंगे। मार्ग में आने वाले बड़े जंक्शन पर फ्लाय ओवर और सर्विस रोड का निर्माण होगा। धरमपुरी, सांवेर और पंथ पिपलई में तीन तो उज्जैन में दो फ्लाय ओवर का निर्माण होना है। इसके अलावा 6 अंडरपास भी बनेंगे।
धार्मिक व हेरिटेज चिह्नों से सजेगा
इंदौर से उज्जैन के बीच बनने वाले सिक्सलेन को धार्मिक व हेरिटेज थीम पर सजाने की योजना है। मार्ग में भगवान शिव और देवी अहिल्या से जुड़े प्रतिक चिह्नों डमरू, त्रिशुल, नंदी व पोस्टरों को लगाया जाएगा। इससे मार्ग से आने वाले लोग इंदौर-उज्जैन शहर के धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व को जान सकेंगे।
हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल से होगा निर्माण
इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल पर बनाया जाएगा। इस मॉडल के तहत प्रोजेक्ट में सरकार 60 फीसदी इक्विटी लगाती है और शेष 40 फीसदी की राशि टेंडर वाली कंपनी करेगी। जैसे-जैसे ठेकेदार काम करता है उसे 60 फीसदी की राशि का भुगतान किया जाता है। शेष 40 फीसदी की राशि ठेकेदार को रखरखाव की अवधि के दौरान मिलेगा।