इंदौर नगर निगम क्षेत्र की विधानसभा के अनुसार दोनों दलों के महापौर प्रत्याशियों को मिलें मतों की िस्थति देखे तो भाजपा अपने ही विधायकों के क्षेत्र क्रमांक 3 व 5 में कमजोर साबित हुई है। वहीं कांग्रेस एक, दो, चार में बड़े घाटे में रही। क्षेत्र क्रमांक 5 में तो भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है।
विधानसभा के वार्डों में महापौर प्रत्याशियों को मिलें मतों को जब टटोला गया तो दोनों दलों के लिए अलार्मिंग िस्थति बन रही है। मौजूदा विधायक अपनी जीत के अनुसार प्रदर्शन नहीं कर सकें। पहले जनता ने मतदान केंद्रों पर नहीं पहुंच कर तो दूसरा वोट के अंतर में घट-बढ़ कर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। चुनाव विश्लेषकों का कहना है, इससे भाजपा व कांग्रेस दोनों को सबक ले कर विधानसभा के लिए रणनीति बनाना होगी। क्योंकि जिस तरह की िस्थतियां सामने आई है, जाहिर है, भाजपा के लिए समीक्षा के, वहीं कांग्रेस के लिए विस चुनाव अग्नि परीक्षा की तरह रहने के संकेत दे रही है।
विस-1 की िस्थति देंखे तो कांग्रेस प्रत्याशी अपनी विधायकी वाले क्षेत्र में ही 20 हजार से ज्यादा मतों से पिछड़ गए। जबकि विस चुनाव में वे 8 हजार मतों से जीते थे। वहीं क्षेत्र क्रमांक-5 में भाजपा वैसे ही 1133 मतों से जीती थी, लेकिन निगम में पार्टी 5532 वोट से पिछड़ गई है। ऐसे ही भाजपा क्षेत्र 3 में भी कमजोर साबित हुई है। दो का प्रदर्शन ठीक रहा है, लेकिन विस से बेहतर नहीं है। जबकि 4 की अयोध्या में कांग्रेस सेंध नहीं लगा सकी। राउ में कांग्रेस को बढ़ा गढ्ढा मिला है, जबकि यहां से पार्टी के नेता ही विधायक है। ऐसे में परिणामों के बाद दोनों दलों को आगामी विस चुनावों की रणनीति में बदलाव की दरकार ही नहीं अलर्ट रहने की भी जरूरत है। आप भी 10 हजार के आसपास आम आदमी पार्टी ने सिंगरोली सीट जीत कर बदलाव के संकेत दिए है। वहीं इंदौर में पार्टी के उम्मीदवार को 9 हजार से ज्यादा मत मिलें हैं। इससे भी आगे दोनों दलाें को सतर्क रहना होगा।
इस तरह मिली लीड विधानसभा भाजपा की लीड विस – 1 20100 विस – 2 42168 विस – 3 3852 विस – 4 41000 राउ 30681 विस – 5 में कांग्रेस 5532 मतों से आगे रही