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इंदौर

नोटिफिकेशन की आड़ में नहीं हो रही पेड़ों की अवैध कटाई

– जनहित याचिका पर प्रमुखसचिव ने पेश किया शपथ पत्र पर जवाब

इंदौरSep 04, 2018 / 09:01 pm

amit mandloi

TREE CUTTING LAW

नोटिफिकेशन की आड़ में नहीं हो रही पेड़ों की अवैध कटाई

– नोटिफिकेशन के दुरुपोग को लेकर दायर है जनहित याचिका
इंदौर. प्रदेश सरकार द्वारा २४ सितंबर २०१५ में जारी किए गए एक नोटिफिकेशन की आड़ में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हो रही पेड़ों की अवैध कटाई को लेकर हाई कोर्ट में दायर जनहित याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस विवेक रूसिया की युगल पीठ मेंं वन विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से विस्तृत जवाब पेश किया गया है। उनका कहना है २०१५ में जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक वन विभाग की जमीन पर लगे ५० किस्म के पेड़ों को वन विभाग के एसडीएम और गांव के सरपंच की एनओसी लेकर काटा सकते हैं। इन किस्मों बबूल और आम सहित अन्य पेड़ शामिल थे। जवाब में लिखा गया है इस नोटिफिकेशन की आड़ में कहीं भी पेड़ों की अवैध कटाई नहीं की जा रही है। विभाग की टीम प्रदेश में हर स्थान पर अवैध पेड़ कटाई पर नजर रख रही है और कहीं भी ऐसा नहीं हो रहा है। प्रमुख सचिव द्वारा पेश किए गए जवाब को लेकर अतिरिक्त महाधिवक्ता मनोज द्विवेदी ने पुष्टि की है। कोर्ट ने जवाब के बाद एक सप्ताह बाद याचिका पर अगली सुनवाई के आदेश दिए हैं। याचिका में आरोप है कि लकड़ी माफिया सरकार के नियम का दुरुपयोग कर जंगल साफ कर रहे हैं। राम बदादुर वर्मा ने एडवोकेट गौतम गुप्ता के माध्यम से यह याचिका दायर की है। गौतम ने बताया, २४ सितंबर २०१५ को राज्य सरकार ने एक नोटिफिकेशन किया था जिसके तहत किसानों को यह राहत दी गई थी कि वे ५० किस्म के पेड़ों को वन विभाग के एसडीएम और गांव के सरपंच की एनओसी लेकर काट सकते हैं। इन किस्मों बबूल और आम सहित अन्य पेड़ शामिल थे। गौतम का आरोप है कि सरकार के इस नोटिफिकेशन का सहारा लेकर कई लकड़ी माफिया प्रदेश में जंगल के जंगल साफ कर रहे हैं, इस पर नियंत्रण लगाने की जरूरत है।

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