प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की मदद के लिए किसान सम्मान निधि योजना शुरू की है। इसमें प्रत्येक
किसान को छह हजार रुपए की राशि केंद्र सरकार देती है तो मध्यप्रदेश में दो हजार रुपए शिवराज सरकार की ओर से दिए जाते हैं। इसको लेकर सरकार ने नियम बनाया है कि हर साल किसानों को केवायसी अपडेट कराना होता है। ऐसा करके सरकार स्थिति का आकलन कर लेती है।
खुलासा हो जाता है कि सम्मान निधि लेने वाले किसान की जमीन तो नहीं बिक गई। जमीन कहीं बंटवारे में तो नहीं चली गई। किसान का निधन तो नहीं हो गया या उसके परिजन के नाम पर जमीन चढ़ गई हो या किसान ने जमीन बेच दी हो। इसके लिए अपडेट कराया जाता है, जिसकी 31 जुलाई अंतिम तारीख है। ये प्रक्रिया मोबाइल व आधार कार्ड के जरिए होती है।
किसान मोबाइल से कर ले या एमपी ऑनलाइन पर चले जाए। केवायसी अपडेट करने के लिए जिला प्रशासन ने मुहिम चला रखी है। गांव-गांव में कैंप लगाए जा रहे हैं तो ढोंढी पिटवाई जा रही है। पटवारियों को काम पर लगाया है ताकि वे सभी से बात करें। इतना करने के बावजूद इंदौर जिले के किसान लापरवाही कर रहे हैं। वे केवायसी अपडेट नहीं करा रहे हैं।
60 फीसदी किसान बाकी
इंदौर जिले में एक लाख आठ हजार किसान ऐसे हैं, जिनके केवायसी अपडेट होना थे। उसमें से सिर्फ 39 हजार 292 किसानों ने ही अपना खाता अपडेट करवाया है। अब तक 69 हजार किसानों को केवायसी अपडेट कराना बाकी है। उस हिसाब से देखा जाए तो इतने लोगों की सम्मान निधि संकट में आ गई है। जिला प्रशासन का लक्ष्य है कि नियमित 23 हजार के आसपास खाते अपडेट होना चाहिए, लेकिन महज हजार के आसपास किसानों ही ये काम कर रहे हैं। ऐसा चलता रहा तो इंदौर में हजारों की संख्या में किसान कुछ दिनों बाद नाराज नजर आएंगे जबकि गलती खुद कर रहे हैं।