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ऐसा कोई तथ्य नहीं जिसे आधार बनाकर जांच CBI को सौपें
एसआइटी ने कोर्ट की निगरानी में जांच की है और समय-समय पर प्रोग्रेस रिपोर्ट भी पेश की है। ऐसी स्थिति में ऐसा कोई तथ्य कोर्ट के समक्ष नहीं है जिसे आधार बनाकर जांच सीबीआई को सौंपी जाए।
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कोर्ट ने निरस्त की मांग
हनी ट्रैप मामले में सात अलग-अलग याचिकाएं हाई कोर्ट में दायर हुई थीं। इन सभी में मामले की जांच एसआइटी के हाथ से लेकर सीबीआई को सौंपने की मांग की गई थी। 18 अगस्त को कोर्ट ने पूरे मामले में सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसे शनिवार दोपहर जारी किया गया। 27 पेज के फैसले में कोर्ट ने सभी याचिकाओं का निराकरण करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि, जांच सीबीआई को नहीं सौंपी जाएगी।