दरअसल, इंदौर संभाग के जिलों में शुक्रवार और शनिवार के बीच ओसतन 11 इंच बारिश दर्ज की गई है। इंदौर के आसपास के सभी इलाके पानी में डूबे हुए हैं। देपालपुर, सांवेर, महू, हातोद में भी भारी बारिश के कारण खेतों में पानी भरा हुआ है। इससे सोयाबीन की दोनों तरह की फसलों को नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है कि, अगर बारिश नहीं थमी और खेतों में पानी जमा रहा तो सारी खड़ी फसलें खराब हो जाएंगी।
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‘सही स्थिति का पता लगाया जाएगा’
इस संबंध में एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर एसएस राजपूत ने बताया कि, भारी बारिश से 80 से 100 दिनों की वैरायटी वाली सोयाबीन को नुकसान हो सकता है। क्योंकि, वो पकने ही वाली थी। जो सोयाबीन 100 से 120 दिनों में पकने वाली थी, उसे अधिक नुकसान की संभावना कम है। जल्द ही विभाग किसानों से बात करके सही स्थिति पता लगाएगा।
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नदी, तालाब के पास के खेतों में ज्यादा नुकसान
जिन किसानों के खेत नदी, तालाबों के पास हैं उन्हें तो बहुत अधिक नुकसान हुआ है। उनके खेतों में पानी पूरी तरह से भरा हुआ है। यदि एक से दो दिन में पानी रुकने के बाद मौसम नहीं खुला तो पूरी फसल खराब हो जाएगी। इन किसानों के खेत पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं।