साथी के कार्ड से इंजीनियर ने 54 हजार रुए ई वॉलेट में किए ट्रांसफर
दो साल काटी फरारी, बुरहानपुर की जल आवर्धन योजना में साइट इंजीनियर को साइबर सेल ने पकड़ा
साथी के कार्ड से इंजीनियर ने 54 हजार रुए ई वॉलेट में किए ट्रांसफर
इंदौर. तंगी के दौर में साथी ने क्रेडिट कार्ड के जरिए एक हजार रुपए की मदद की तो साथी इंजीनियर ने धोखे से अपने ई वॉलेट में 54 हजार रुपए जमा कर लिए और फरार हो गया। कई जगह फरारी काटने के बाद एक साल से बुरहानपुर की जल आवर्धन योजना में साइट इंजीनियर की नौकरी कर रहा था, साइबर सेल ने उसे पकड़ लिया।
साइबर सेल ने 22 अगस्त 2019 को मदनलाल वर्शी पिता नागूलाल निवासी दुबे का बगीचा की शिकायत पर धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। मदनलाल ने नया क्रेडिट कार्ड बनवाया था, उससे 54 हजार रुपए का ऑनलाइन ट्रांंजेक्शन कर लिया गया था। साइबर सेल में शिकायत के बाद एएसआइ रामपाल ने जांच की तो पता चला कि महादेव पिता जगदीश यादव निवासी सरस्वती नगर, उज्जैन के ई वॉलेट मेें राशि ट्रांंसफर हुई है। घटना के बाद से ही महादेव फरार हो गया था। हाल ही मेें बुरहानपुर में होने की सूचना मिली तो टीम ने वहां जाकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में पता चला कि महादेव व फरियादी मदनलाल दोस्त थे और एक बैंक में साथ काम करते थे। महादेव बीइ (इलेक्ट्रानिक्स) है। उस दौरान तंगी होने पर मदनलाल ने अपने क्रेडिट कार्ड से महादेव के खाते में एक हजार रुपए ट्रांंसफर किए। मदनलाल ने महादेव को ही क्रेडिट कार्ड राशि ट्रांसफर करने के लिए दिया जिससे उसे कोड पता चल गया था। जब फरियादी सो रहा था उस दौरान दोस्त महादेव ने अपने ई वॉलेट मेें 54 हजार रुपए ट्रांसफर कर लिए। बाद में लापता हो गया। वह यहां मौसी के घर छावनी मेंरहता था, उसकी संयोगितागंज थाने में गुमशुदगी भी थी।
साइबर सेल के मुताबिक, पूछताच में पता चला कि आरोपी को सट्टे की लत लग गई थी जिसमें लाखों को कर्ज होने से वह फरार हो गया था। वह कनार्टक, राजस्थान मेें फरारी काटता रहा। एक साल से बुरहानपुर के जल आवर्धन योजना में निजी कंपनी की ओर से साइट इंजीनियर का काम कर रहा था। उसके खाते में 21 हजार रुपए है जिसे साइबर सेल नेे फ्रीज करवा दिया है।
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