डेंगू के साथ ही शहर में सर्दी-खांसी के मरीजों की संख्या में भी काफी बढ़ोत्तरी हुई है। रोजाना लगभग 500 से ज्यादा मरीज सर्दी-खांसी से परेशान होकर डॉक्टर्स के पास पहुंच रहे हैं। हालांकि फिजिशियन डॉ. दिनेश गुप्ता के मुताबिक मौसम में आए बदलाव और वायरल के कारण तो लोग परेशान थे ही, इसके साथ ही प्रदूषण के बढऩे के कारण भी लोग ज्यादा बीमार हो रहे हैं।
डेंगू की जांच को नजरअंदाज कर रहा विभाग वहीं डेंगू के मरीजों की लगातार बढ़ती संख्या को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी नजर अंदाज कर रहे हैं। केवल सरकारी अस्पताल में बूखार से पीडितों की जांच की जा रही है। वहीं बताया जा रहा है कि अस्पताल में आने वाले हर 10 में से एक मरीज डेंगू का मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर विभाग के अधिकारी निजी लैब में सामने आने वाले मरीजों की संख्या की सही जानकारी नहीं ले रहे हैं।
नगर निगम के भरोसे विभाग
वहीं दूसरी ओर डेंगू के कारण मच्छरों को खत्म करने के लिए भी विशेष मुहिम नहीं चलाई जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभी भी मच्छरनाशक दवाओं के छिड़काव के लिए केवल नगर निगम के भरोसे ही है। नगर निगम अपनी मशीनों से मच्छरों को काबू करने के लिए दवाओं का छिड़काव करवा रहा है। लेकिन वो भी उन्हीं क्षेत्रों में जहां से डेंगू के मरीज सामने आ रहे हैं। वहीं विभाग और एम्बाड की टीमों के द्वारा सर्वे करने की बात तो कही जा रही है। विभाग की मानें तो अभी तक 3 लाख से ज्यादा घर और संस्थानों की जांच की जा चुकी है। जबकि नगर निगम के आंकडों के मुताबिक इंदौर में कुल जमा घरों की संख्या ही 6 लाख है। ऐसे में शहर के आधे घरों का सर्वे करने का दावा विभाग कर जरूर रहा है। लेकिन किन क्षेत्रों का सर्वे हुआ है, उसकी जानकारी विभाग सपष्ट नहीं कर रहा है। जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल के मुताबिक हमारी टीमें लगातार मच्छरनाशक दवाओं ओर लार्वा नियंत्रण के लिए काम कर रही है।