डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकयुनिकेशन (डीओटी) के जरिए क्राइम ब्रांच ने हाल ही में 225 मोबाइल नंबरों के साथ 93 आइएमइआइ नंबर भी ब्लॉक करवाए हैं। बदमाश एक ही मोबाइल नंबर से पांच लोगों के साथ लाखों की ठगी कर चुके हैं। पुलिस कमिश्नर व डीसीपी के माध्यम से ये नंबर डीओटी को भेजकर ब्लॉक कराए हैं।
ये भी पढ़ें: Ladli Behna Yojana: सस्ते दाम पर मिलेगा गैस सिलेंडर ! लाड़ली बहनों की बल्ले-बल्ले अलग-अलग एजेंसियों ने भी हजारों नंबर ब्लॉक कराए हैं। इस तरह के फ्रॉड करने वालों के नंबर नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) पर रहते हैं, उन्हें भी ब्लॉक कराया जाता है। एडिशनल डीसीपी (क्राइम) राजेश दंडोतिया ने बताया कि कई मामलों में एक ही नंबर से कई लोगों को ठगा गया। ऐसे मोबाइल नंबर के साथ आइएमइआइ नंबर भी ब्लॉक करवा रहे हैं ताकि अब अन्य लोग ऐसी ठगी से बच सकें।
3 से 4 शिकायतें
क्राइम ब्रांच के पास हर दिन साइबर अपराध की 3-4 शिकायतें आ रही हैं। इस साल क्राइम ब्रांच व साइबर सेल में करीब 10 करोड़ की ठगी की शिकायतें आई हैं, जिनमें से 4 करोड़ 9 लाख रुपए लोगों को वापस दिलाए गए हैं।
बदल देते थे सिम
बदमाश फर्जी नाम से ली गई सिम से लोगों को कॉल कर ऑनलाइन फ्रॉड कर रहे हैं। हाल ही में हुए डिजिटल अरेस्ट के मामलों में भी ऐसे ही नंबरों का इस्तेमाल हुआ है। आरोपी मोबाइल नंबर के साथ मोबाइल हैंड सेट भी फर्जी नाम से लेते हैं। 3 से 5 हजार में मोबाइल नंबर और हैंड सेट लेकर धोखाधड़ी की जाती है। धोखाधड़ी के बाद बदमाश सिम बदल लेते हैं, लेकिन हैंड सेट न बदलते हुए दूसरी सिम से ठगी करते हैं। पुलिस ऐसे मोबाइल नंबर के साथ हैंड सेट भी ब्लॉक करवा रही है, ताकि उस हैंड सेट में दूसरी सिम का इस्तेमाल न हो सके। ऐसे करें मोबाइल ब्लॉक साइबर सेल एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि मोबाइल गुम या चोरी होने पर बदमाश उसका दुरुपयोग कर लेते हैं। ऐसी स्थिति में लोग मोबाइल को ब्लॉक कर सकते हैं। सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआइआर) पोर्टल पर अपने मोबाइल नंबर की जानकारी देकर उसे ब्लॉक करवाया जा सकता है। इससे उस मोबाइल का अन्य कोई इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। यदि उस मोबाइल का इस्तेमाल दूसरी सिम डालकर करने का प्रयास होता है तो अलर्ट आ जाएगा और आरोपी तक पहुंचना आसान होगा।