धार एसपी आदित्यतप्रताप सिंह ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि दो महीनों से खंडवा, खरगोन, होशंगाबाद, हरदा, देवास जिले की पुलिस लाइनों के पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के शासकीय आवासों का ताला तोडक़र चोरी करने की वारदात लगातार हो रही थीं। अज्ञात गैंग शासकीय आवासों को टारगेट कर रही थी। घटना धार जिले में भी होने की आशंका को देखते हुए गैंग की गिरफ्तारी करने के लिए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र पाटीदार के निर्देशन में पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया था। इसी बीच साइबर प्रभारी नीलेश्वरी डाबर व क्राइम निरीक्षक दिनेश शर्मा को मुखबिर से सूचना मिली कि टांडा क्षेत्र में रहने वाले पानसिंह भील व अंबाराम भूरिया इन दिनों झाबुआ के एक अन्य साथी के साथ मिलकर चोरी के सोने, चांदी के जेवर लाने और ले जाने, खरीदने और बेचने में सक्रिय हैं और बोरी कस्बा जिला आलीराजपुर के बड़े सुनार के संपर्क में हैं। संभवत: पुलिस लाइनों में हो रही चोरियां ये लोग ही कर रहे हैं। साइबर क्राइम ब्रांच प्रभारी निरीक्षक दिनेश शर्मा ने तीनों आरोपियों की जानकारी जुटाई।
29 जनवरी को पुलिस को सूचना मिली कि तीनों आरोपी गंगवाल बस स्टैंड इंदौर से बस पकडक़र टांडा, बाग, कुक्षी की तरफ जाने वाले हैं। निरीक्षक दिनेश शर्मा ने उसी बस में बैठकर साइबर क्राइम ब्रांच टीम को सूचित किया। टीम ने धार-तिरला के बीच नाकाबंदी की। उक्त बस आने पर उसे रोका गया व तीन संदेहियों को उनके सामान सहित पूछताछ के लिए उतारा। नाम-पता पूछने पर उन्होंने अपना नाम पानसिंह पिता अमरू उर्फ अमरिया अलावा निवासी टांडा, दीपेश उर्फ दीपेंन्द्रन पिता नानसिंह निवासी आलीराजपुर और अम्बू उर्फ अंबाराम भूरिया निवासी टांडा बताया।