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इंदौर

‘पेंसिल’ से रुक सकेगा बाल श्रम

पोर्टल के संबंध में कल से श्रम विभाग का सेमिनार, प्लेटफॉर्म फॉर इफेक्टिव एनफोर्समेंट फॉर नो चाइल्ड एनफोर्समेंट (पेंसिल) नाम से शुरू किए गए पोर्टल को य

इंदौरJan 02, 2018 / 06:22 pm

amit mandloi

child labour mp
इंदौर. बाल श्रम रोकने के लिए केन्द्रीय श्रम मंत्रालय ने तीन महीने पहले पेंसिल नाम की वेबसाइट लांच की। इसको लेकर इंदौर में कल से दो दिनी कार्यशाला शुरू हो रही है। इसमें अलग-अलग सत्रों में विषय विशेषज्ञ बाल श्रम को लेकर बने कानूनों की जानकारी देंगे।
सेमिनार कल सुबह 9 बजे से ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में शुरू होगा। इसमें यूनिसेफ भी सहयोग कर रहा है। सेमिनार का उद्देश्य बाल श्रम को रोकना और इसमें पेंसिल पोर्टल किस तरह से मददगार साबित हो सकता है, इसकी जानकारी आम लोगों को देना है। प्लेटफॉर्म फॉर इफेक्टिव एनफोर्समेंट फॉर नो चाइल्ड एनफोर्समेंट (पेंसिल) नाम से शुरू किए गए पोर्टल को यूं तो केंद्रीय श्रम विभाग संचालित करेगा, लेकिनइस पर कहीं भी हो रहे बाल श्रम के खिलाफ शिकायत दर्ज की जा सकती है। इसके लिए पोर्टल को राज्य सरकार, जिले और जिला परियोजना सोसाइटी से जोड़ा गया है। शिकायत दर्ज करने के लिए इस पर रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है।
दो दिन में होगी कार्रवाई
श्रमायुक्त शोभित जैन ने बताया कि पोर्टल पर दर्ज की गई शिकायतों पर संबधित एजेंसी 48 घंटे के भीतर एक्शन लेकर रिपोर्ट तैयार करेंगी। इन शिकायतों का ट्रैकिंग आईडी होगा जिसके आधार पर कार्रवाई होगी। श्रम मंत्रालय शिकायतों की कार्रवाई को लेकर राज्य शासन से फीडबैक भी लेगा। शिकायतकर्ता भी अपनी दर्ज की गई शिकायत की रिपोर्ट ले सकता है, लेकिन शिकायत के लिए बच्चे से जुड़े विवरण जैसे फोटो, नाम, स्थान जैसी जानकारी देना होगी।
गूगल मैप से मिलेगी साइकिल
इंदौर. सरकारी स्कूलों में कक्षा 6ठी व 9वीं में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को इस सत्र में अब तक साइकिल नहीं मिली। यह स्थिति सिर्फ इंदौर जिले की नहीं, पूरे प्रदेश की है। अब साइकिल उन्हें ही मिलेगी, जिनके घर से स्कूल की दूरी दो किमी होगी। अब तक तीन किमी की दूरी तक साइकिल दी जाती थी। स्कूल की दूरी आंकने के लिए भी नया प्रयोग किया जा रहा है। अब जीआईएस सॉफ्टवेयर से स्कूल की दूरी एयर के फ्लो में नापी जा रही है। इसके पहले स्कूल तक जाने के लिए घुमावदार रास्ते दिखाकर उन्हें भी साइकिल दे दी जाती थी, जो पात्र नहीं होते थे। ऑनलाइन जीआईएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से लोड की गई स्कूल की दूरी का गूगल मैप से सत्यापन किया जाएगा। इसके बाद साइकिल दी जाएगी। लैटिट्यूट-लांगिट्यूट (अक्षांश-देशांतर) एयर मोड में विद्यार्थी के घर से स्कूल तक की दूरी मापी जा रही है।

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