scriptBhojshala ASI Survey: भोजशाला में मिले मंदिर होने के प्रमाण, सर्वे रिपोर्ट में खुलासा | Bhojshala ASI Survey Evidence of temple found in Bhojshala revealed in survey report presented in high court indore | Patrika News
इंदौर

Bhojshala ASI Survey: भोजशाला में मिले मंदिर होने के प्रमाण, सर्वे रिपोर्ट में खुलासा

Bhojshala ASI Survey: दिलावर खान गौरी ने 1401 ईस्वी में भोजशाला के एक हिस्से में कराया था मस्जिद का निर्माण, यहां 1875 में खुदाई के दौरान देवी सरस्वती की मूर्ति निकली थी। फिलहाल भोजशाला में हर मंगलवार को पूजा तो हर शुक्रवार को नमाज की अनुमति

इंदौरJul 16, 2024 / 09:08 am

Sanjana Kumar

bhojshala ASI Survey

हाईकोर्ट इंदौर खंडपीठ में ASI की सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश।

Bhojshala ASI Survey: एसआइ (ASI) ने धार भोजशाला (Dhar Bhojshala) की 2,000 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) सोमवार 15 जुलाई को हाई कोर्ट (High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) को सौंप दी। इंदौर खंडपीठ ने 11 मार्च को वैज्ञानिक आधार पर सर्वे करने के आदेश दिए थे। 98 दिन के वैज्ञानिक सर्वेक्षण पर स्टेटस रिपोर्ट पेश की गई थी। हिंदू और मुस्लिम पक्ष के दावों के बीच अब तक मिले प्रमाण बताते हैं कि भोजशाला मंदिर ही थी।

22 जुलाई को रिपोर्ट पर होगी सुनवाई

अब सर्वे रिपोर्ट पर सुनवाई 22 जुलाई को होगी। रिपोर्ट में धार भोजशाला के खंभों पर हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों और निशान का जिक्र किया गया है। सर्वे के दौरान श्रीकृष्ण, शिव, जटाधारी भोलेनाथ, ब्रह्मा समेत 94 देवी-देवताओं की क्षतिग्रस्त मूर्तियां मिलीं। परिसर से 10वीं सदी के परमार राजा भोज शासनकाल के चांदी, तांबे, एल्यूमिनियम और स्टील के 31 सिक्के मिले।

क्या-क्या मिला…

मध्य प्रदेश के धार भोजशाला में एएसआइ को सर्वे के दौरान मूर्तिकला के टुकड़ों और चित्रण के साथ वास्तुशिल्प भी मिले। खंभों पर शेर, हाथी, घोड़ा, श्वान, बंदर, सांप, कछुआ, हंस आदि उकेरे गए थे। खिड़कियों, खंभों और बीमों पर चार सशस्त्र देवताओं की मूर्तियां उकेरी गई थीं। गणेश, ब्रह्मा, नृसिंह, भैरव, मानव और पशु आकृतियां भी मिली हैं।

ये है इतिहास

भोजशाला की वेबसाइट के मुताबिक 11वीं शताब्दी में परमार वंश के राजाओं ने धार में यूनिवर्सिटी की स्थापना की। इसे बाद में भोजशाला के रूप में पहचान मिली। अलाउद्दीन खिलजी ने 1305 ईस्वी में भोजशाला को नष्ट कर दिया था। दिलावर खान गौरी ने 1401 ईस्वी में भोजशाला के एक हिस्से में मस्जिद का निर्माण कराया। यहां 1875 में खुदाई के दौरान देवी सरस्वती की मूर्ति निकली थी। इसे अंग्रेज लंदन ले गए।

अपने-अपने दावे…

हिंदू पक्ष भोजशाला के सरस्वती मंदिर होने का दावा करता है तो, मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद बताता है। फिलहाल भोजशाला केंद्र सरकार के अधीन है। इसका संरक्षण एएसआइ करता है। एएसआइ के सात अप्रेल, 2003 के आदेश के मुताबिक हिंदुओं को हर मंगलवार भोजशाला में पूजा की अनुमति है। मुस्लिमों को हर शुक्रवार नमाज अदा करने की इजाजत दी गई।
एएसआइ की सर्वे रिपोर्ट में भोजशाला के इन्हीं खंभो में हिंदू देवी-देवताओं की मूर्तियों के निशान मिलने की बात कही गई है।

ये भी पढ़ें: MP Rain: मौसम का नया अपडेट, इस राज्य में बन रहा है नया सिस्टम, 15 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट

Hindi News/ Indore / Bhojshala ASI Survey: भोजशाला में मिले मंदिर होने के प्रमाण, सर्वे रिपोर्ट में खुलासा

ट्रेंडिंग वीडियो