इंदौर. भय्यू महाराज की अंतिम यात्रा को देख उनकी मां, बेटी और पत्नी का रो रोकर बुरा हाल हो गया। जैसे ही भय्यू महाराज का शव उठाकर गाड़ी में रखा और उन्हें मुक्तिधाम की ओर ले जाने लगे तो पत्नी डॉक्टर आयुषी चीख पड़ी। जोर जोर से बोलती रही कि मुझे भी उनके साथ ले जाओ।
मैं उनके बिना नहीं जी सकती। वह पूरे समय भय्यू महाराज के शव के पास खड़ी रही और अंत में जब यात्रा निकलने का समय हुआ तो वह फूट फूटकर रोने लगी। आयुषी को इस दौरान परिजन ने संभाला और फिर भय्यू महाराज के शव को मुक्तिधाम के लिए ले जाया गया।
एक दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे हम दोनों भय्यू महाराज की मौत की सूचना मिलने पर मंगलवार को डॉ. आयुषी बदहवास सी अस्पताल पहुंची। उन्होंने लोगों से पूछा गुरुजी कहां हैं तो बताया गया कि आईसीयू में हैं। यह सुनते ही आयुषी ने आईसीयू की ओर दौड़ लगा दी। उनकी हालत देख वहां मौजूद अनुयायी बिलख पड़े।
आईसीयू के बाहर आयुषी उन्हें एकटक देखे जा रही थी और बिलखते हुए कहती रही कि वे मुझसे कहते तो कि उन्हें कोई तनाव है। उन्होंने मुझे आज तक कुछ नहीं बताया। हम दोनों एक दिन भी एक-दूसरे के बिना नहीं रह पाते थे।
मैं उनको हर घंटे फोन लगाती थी या फिर वो मुझे मोबाइल लगाकर हाल जान लेते थे। हम कई मिनटों तक बातें किया करते थे। अब मुझे फोन कौन लगाएगा? सब लोग तो गुरुजी से मिलने घर आते थे। अब हमारे घर कौन आएगा?
खुदकुशी की तीन वजह : बेटी और पत्नी के बीच चल रहा था विवाद पहली पत्नी माधवी की 21 नवंबर 2015 को हुई मौत के बाद 30 अप्रैल 2017 को शिवपुरी की डॉ. आयुषी (27) के साथ दूसरी शादी की थी। डॉ. आयुषी से उन्हें चार महीने पहले ही एक बेटी हुई थी। दूसरी शादी के बाद से ही पारिवारिक तनाव था।
संपत्ति को लेकर भी विवाद सामने आया है। दूसरी पत्नी को बेटी होने के बाद से ही संपत्ति पर आधिपत्य को लेकर खींचतान चल रही थी। काफी कोशिशों के बावजूद वे दोनों के बीच सामंजस्य नहीं बैठा पा रहे थे।
वे शुजालपुर के जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे, लेकिन कुछ समय से आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई थी। कुछ समय पहले कर्ज में डूबने के कारण ही संन्यास लेने की घोषणा भी की थी।
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