सरकार ने दिल्ली और जम्मू में सेंटर बनाकर ऑफलाइन और ऑनलाइन आवेदन की व्यवस्था की हुई है। दो तरह से आवेदन लिए जा रहे हैं। एक प्रापर्टी से संबंधित तो दूसरा निवास प्रमाण-पत्र के लिए। पूराने दस्तावेजों के आधार पर स्थानीय निवास प्रमाण पत्र बनाया जा रहा है। अब तक 50 प्रतिशत लोगों ने प्रमाण-पत्र हासिल कर लिए है। जिन-जिन लोगों की जमीनें, खेत और मकान कब्जा किए हुए है उसकी जानकारी भी आवेदन के साथ दी गई है।
सरकार द्वारा कश्मीर (Kashmir) स्थित हमारी प्रापर्टी को वापस दिलाने की प्रक्रिया की जा रही है साथ ही निवास प्रमाण-पत्र के भी आवेदन हो रहे हैं। पुलवामा में हमारे सेब-अखरोट के बागों और करोड़ों की जमीन पर कब्जा कर लिया गया था। फिर से अपनी प्रापर्टी पाने के लिए हमने आवेदन किया है। शहर में रहने वाले 132 कश्मीरी पंडित परिवार कश्मीरी समिति के बैनर तले एकजुट है।
वीरेन्द्र कौल, कश्मीरी पंडित
हमारी अनंतनाग में दो जमीनें हैं। हमने प्रापर्टी क्लेम करने के लिए ऑनलाइन आवेदन दिया है। सभी कागजात भी लगाए है। कुछ दिनों पहले अनंतनाग से पटवारी का फोन भी आया था। प्रापर्टी चिन्हित करने का काम किया जा रहा है। हमे हमारा हक तो मिलना ही चाहिए इसके साथ ही कश्मीर में सुरक्षित माहौल होगा तभी वहां पुर्नवास संभव है जो कि थोड़ा मुश्किल दिखाई दे रहा है।
अशोक बमरू, कश्मीरी पंडित
स्थानीय निवासी के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवेदन मांगे गए हैं। प्रक्रियाओं की बात कई बार हुई है। उस समय जिन लोगों ने डर के कारण अपने मकान-जमीनें कौडि़यों के भाव बेचे थे उन प्रकरणों पर भी विचार होना चाहिए एेसे प्रकरणों पर भी सरकार के विचार करने की बात सामने आई है। कश्मीर में हक दिलाने के साथ ही सुरक्षित माहौल बनाना जरूरी है।
विवेक रैना, कश्मीरी पंडित