खाद्य विभाग ने जनवरी, फरवरी, मार्च में 250 खाद्य सामग्री के सैंपल लिए थे। इनमें से 64 सैंपल फेल होने पर केस बनाए गए हैं। इनमें से मिर्च पाउडर के दो सैंपल की जांच रिपोर्ट में ऑइल सॉल्यूएबल कलर की मात्रा पाई गई है।
शादियों के सीजन में लिए जा रहे सैंपल
जांच के सैंपलों में मिठाई, नमकीन, दूध, घी, मसाले आदि शामिल हैं। पहले सैंपल की जांच रिपोर्ट आने में काफी समय लग जाता था, लेकिन संभवत: यह पहली बार है कि तीन माह में इतनी जांच रिपोर्ट आई हैं। अधिकारियों के अनुसार, 62 सैंपल फेल हुए हैं, जिनमें से 5 पर जुर्माने की कार्रवाई की गई है। शादियों का सीजन शुरू हो गया है। जिसके चलते लगातार सैंपलिंग की जा रही है। मालूम हो, बाजारों में मिलावटी खाद्य सामग्री धड़ल्ले से बिकती है।
14 दिन में देनी होती है रिपोर्ट
शहर में लैब नहीं होने से यहां से सैंपल को जांच के लिए भोपाल भेजा जाता है। नियमानुसार 14 दिन में जांच रिपोर्ट देनी होती है, लेकिन हमेशा विभाग लेटलतीफी करता है। कई सैंपल की तो जांच रिपोर्ट भी नहीं आ पाती है।
डॉ. प्रीति शुक्ला, न्यूट्रिशनिस्ट का कहना है कि ऑइल सॉल्यूएबल कलर को खाना काफी नुकसानदायक है। यह शरीर में धीमे जहर की तरह काम करता है। इससे कैंसर भी हो सकता है। यह बालों की डाई के लिए इस्तेमाल होता है, इसे मिर्च पाउडर में अच्छा कलर देने के लिए उपयोग किया जाता है।
धमेंद्र सोनी, खाद्य अधिकारी का कहना है कि तीन माह में हमने 250 जांच सैंपल लिए थे, जिनमें से 64 लोगों पर केस बनाए है। इसमें से मिर्च पाउडर की रिपोर्ट में आइल सॉल्यूएबल कलर पाया गया है। जल्द ही सभी पर कार्रवाई की जाएगी।