दरअसल, इंदौर जिले में सीएम राइज योजना के तहत 11 स्कूलों का चयन किया गया था, लेकिन संसाधान और अन्य सुविधाएं नहीं होने से दो को ही नवीन शिक्षण सत्र से शुरू किया गया। शेष स्कूलों में भी एडमिशन हो रहे हैं। जिले में दो स्कूलों में एक एमओजी लाइन स्थित न्यू मालव कन्या हायर सेकंडरी स्कूल और दूसरा महू गांव का मॉडल स्कूल है। नवीन शिक्षण सत्र से दोनों में छात्रों ने रुचि दिखाना शुरू कर दी। एमओजी लाइन स्थित न्यू मालव कन्या स्कूल में 500 आवेदन आ चुके हैं। इनमें से 30 तारीख को लॉटरी के माध्यम से चयन किया जाएगा। नौवीं में 89 आवेदन आए हैं। इसी प्रकार अन्य क्लास के लिए भी आवेदन आए हैं। इस सत्र में केजी फस्र्ट और केजी टू में छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जा रहा है। वैसे यहां तो केजी-1 से 12वीं तक 700 सीटें हैं, लेकिन बच्चों की रुचि देख कर प्रबंधन ने सीटें 900 कर दी हैं।
शैक्षणिक स्टाफ की जरूरत अभी सीएम राइज स्कूल में शैक्षणिक स्टाफ का चयन भी एक्जाम से हुआ है, लेकिन पूरा स्टाफ अब तक नहीं आया। अभी 15 से 20 शिक्षक आए हैं और इतने की ही जरूरत है। ऐसे में चिंता सता रही है कि पुराने स्टाफ को यहां से हटा दिया गया और नया नहीं आया तो मुश्किल हो जाएगी।
प्राचार्य से लेकर शिक्षक की कमी महू में सीएम राइज स्कूल तो शुरू हो चुका है, लेकिन स्कूल के लिए चयनित प्राचार्य की पदस्थापना अब तक नहीं हो पाई है। वहीं विद्यालय में शिक्षकों की भारी कमी बनी हुई है, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण विषय कॉमर्स, केमिस्ट्री और इंग्लिश लैंग्वेज शामिल है। जानकारों का कहना है कि स्कूल तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन अब तक शैक्षणिक स्टाफ पूरा नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित रहेगी। अंग्रेजी के लिए 600 छात्रों पर केवल एक शिक्षक है। सरकार जिस प्रकार सीएम राइज स्कूलों में शिक्षा का स्तर चाहती है, वह मंशा पूरी होती दिखाई नहीं दे रही।
डेढ़ साल में तैयार होगी बिल्डिंग महू में शुरू हुए सीएम राइज स्कूल में 11वीं में 47 छात्रों को प्रवेश देना था और आवेदन 300 आ गए। इसी प्रकार 9वीं में 120 छात्रों को प्रवेश देना था और आवेदन 700 आए हैं। मेरिट के आधार पर प्रवेश हो गया। अभी केजी से प्रवेश नहीं देते हुए 9वीं से 12वीं में ही प्रवेश दिया गया है। अभी केजी से आठवीं तक के छात्रों को डेढ़ साल और इंतजार
करना होगा, इसका बड़ा कारण बिल्डिंग का तैयार होना है।