आपको बता दें कि, बीते रविवार को इंदौर में रहने वाले पप्पू साहू नामक व्यक्ति ने कैंची से डॉगी के बच्चे के कान काट दिए थे। दर्द से बिलबिलाते डॉगी को जब लोगों ने देखा तो इसकी सूचना पीपुल फॉर एनिमल्स के पदाधिकारियों को दी। जानकारी लगते ही मौके पर पहुंची टीम ने तत्काल ही पप्पी का इलाज कराया। साथ ही, संस्था की और से आरोपी के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम के तहत केस भी दर्ज कराया गया। मामला गृहमंत्री नरोतत्म मिश्रा के संज्ञान में आया तो उन्होंने भी इसपर तत्काल कार्रवाई करने के आदेश देते हुए कहा कि, अब से उस कुत्ते का पूरा इलाज और जीवनभर उसकी देखरेख की जिम्मेदारी आरोपी की होगी।
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साथ रहकर हो सकता है दिए गए दर्द का अहसास
इस वजह से शायद उस पीड़ित कुत्ते के बच्चे के साथ रहकर, उसकी देखभाल करते हुए आरोपी को अहसास हो कि दर्द क्या होता है। उसने जब ये हरकत की होगी तो उसके मन में क्या भाव रहे होंगे ? किसी भी जीव को कष्ट देने की प्रवृत्ति, उसका मनोविज्ञान और परपीड़ा में कैसे कोई आनंद मिल सकता है.. शायद आरोपी के मन में ये सवाल उपजे। कानूनी सजा काटकर वो सुधर जाए इसकी उम्मीद तो सभी करते हैं, लेकिन जब वो उस डॉगी के बच्चे के साथ रहेगा तो ये संभावना प्रबल हो जाती है कि, भविष्य में ऐसी क्रूर हरकत दोहराएगा नहीं। इस मायने में गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा का ये फैसला काबिले तारीफ है।