इंदौर। कुछ साल पहले तक दिल की बीमारी को बुढ़ापे का रोग माना जाता था। आज हर दूसरे दिन हम किसी युवा की हार्ट अटैक से मौत की खबर सुनते हैं। मंगलवार की सुबह केंद्रीय मंत्री थवरचंद गहलोत के बेटे ‘नरेंद्र गहलोत ‘ का दिल का दौरा पढ़ने से निधन हो गया।
आकड़े बताते हैं, बदलती जीवन शैली और आपाधापी के इस दौर में भारत में दिल की बीमारियों की दर पश्चिमी देशों के मुकाबले दुगनी हो गई है। कार्डियोलॉजिस्ट अलकेश जैन mp.patrika.com से बातचीत के दौरान बताए ‘युवाओं में दिल की बीमारी होने के 7 बड़े कारण।
Smoking- डॉ अलकेश जैन बताते हैं स्मोकिंग करना हार्टअटैक को घर जाकर न्यौता देने के समान हैं। मेरे पास जितने भी युवा पेशेंट आते हैं, मैं उनसे पहला सवाल करता हूं ‘क्या आप स्मोक करते हैं।’ 99 प्रतिशत का जवाब ‘हां’ होता है। इसलिए यदि आपको अपने दिल का ख्याल रखना है तो ‘स्मोकिंग’ से दूर रहना होगा।
Diabetes- यदि आप युवा है और शुगर की बीमारी आपकी हमसफर है तो फिर सचेत हो जाएं। डॉ जैन का कहना है ‘डायबटीज इज ए साइलेंट किलर’। डायबटिक व्यक्ति को हार्ट की आर्टरीज ब्लॉक होने का खतरा हमेशा रहता है। इसलिए यदि आप डायबटिक हैं तो अपना ‘शुगर लेवल हमेशा कंट्रोल’ में रखें।
Cholesterol- खराब खान-पान के कारण 21 वीं सदी में हाई कैलेस्ट्रोल की प्रॉब्लम हर दूसरे व्यक्ति को होती है। हाई कैलेस्ट्राल के कारण हार्ट आर्टरीज में ब्लॉकेज होने की संभावना रहती है। इसलिए हमेशा अपने खान-पान को लेकर सचेत रहना चाहिए। ज्यादा ‘जंक-फूड’ सेहत के लिए बेहद हानिकारक है।
Lake of exercise- डिजिटल युग में ऑफिस वर्क का अर्थ होता है डेस्क वर्क। अनियमित दिनचर्या और बैठे-बैठे काम करना, एक्सरसाइज ना करना भी युवाओं में हार्ट डिसीज बढ़ने का प्रमुख कारण हैं। ब्लड वेसल को लचीला होना चाहिए, ताकि वे आसानी से काम कर सकें और ब्लड के प्रवाह को उसी के अनुरूप बढ़ाने में मदद करें। लाइफस्टाइल में आने वाले बदलावों के चलते महिलाओं और पुरुषों में इसका खतरा बढ़ रहा है।
Family history- यदि आपके बड़े-बुजुर्गों को हार्ट अटैक आ चुके हैं तो दिल की बीमारी आपके शरीर में भी दस्तक दे सकती है। इसलिए सावधान रहें और 35 साल के बाद लगातार फुल चैकअप कराते रहें।
Blood clotting – कुछ लोगों का ब्लड अपेछाकृत ज्यादा गाढ़ा होता है। ऐसे रक्त में थक्के जमने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। ब्लड वेसल ( रक्त वाहिका) में खून के थक्के जम जाते हैं, उससे हार्ट अटैक होता है। इसलिए 30 की उम्र पार करते ही ब्लड थिकनेस चैक कराना चाहिए। यदि आपका रक्त गाढ़ा है तो डॉक्टर की सलाह आपकी जान बचा सकती है।
Hypertension – टेंशन आज हमारी भागती-दौड़ती जिंदगी का पर्याय बन गया है। हाइपर टेंशन से हाई ब्लड प्रेशर होता है। हाइब्लड प्रेशर, हार्ट की फंक्शनिंग को प्रभावित करता है और दिल की बीमारियां हो जाती है।
हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण और उससे निपटने के उपाय
* हार्ट अटैक का सबसे सामान्य लक्षण छाती के बीच में तेज और दबाव वाला दर्द होना है, जो कि शरीर के बाएं और खासतौर से बाएं हाथ, कमर और दो कंधों के बीच में इसका दर्द होता है। यहीं नहीं कई बार ठोड़ी (चिन), जबड़े, दांत का दर्द भी हार्ट अटैक में बदल जाता है।
* डॉ अलकेश जैन बताते हैं नर्वस सिस्टम के ज्यादा एक्टिव होने के कारण पसीना आता है। व्यक्ति को तेज दर्द का अनुभव होता है तो उसे हर काम छोड़कर तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
* डायबिटीज पीड़ित मामलों में तेज दर्द की बजाय पसीना आना, दिमाग का हलका लगना, कुछ पलों के लिए आंखों के सामने अंधेरा छा जाना सामान्य लक्षण हैं। डायबिटीज को इसलिए साइलेंट किलर भी कहते हैं। इसलिए डायबिटीज को चैक कराते रहना बेहद जरूरी है।
* पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द और जलन से बैचेनी होती है। जिससे मरीज एसिडिटी या गैस समझ लेता है। ऐसे लक्षण में एक बार कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क जरूर करना चाहिए।