सॉलिडारिडाड, अलायन्स ऑफ कॉटन एंड टेक्सटाइल स्टेकहोल्डर्स (ACRE) संस्था के तत्वावधान में ब्रिलिएंट कन्वेंशन सेंटर में संगोष्ठी आयोजित की गई। सेंटर फॉर रिस्पॉन्सिबल बिजनेस (सीआरबी) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में कपास उत्पादन और इसके मूल्य से जुड़े विषयों पर विमर्श हुआ।
यह भी पढ़ें : एमपी के आईएएस ऑफिसर से मांग लिया इस्तीफा, प्रशासन में मच गया हड़कंप विषय विशेषज्ञों, कपास उत्पादक किसानों की उपस्थिति में ACRE मप्र के महाप्रबंधक डॉ. सुरेश मोटवानी ने बताया कि जैविक कपास की डिमांड बहुत ज्यादा है और मालवा निमाड़ में कपास की अच्छी पैदावार है। किसान और इंडस्ट्री एक साथ बैठे तो दोनों की आय बढ़ सकती है। जैविक कपास की जींस बाजार में 35 हजार रुपए तक बिकती पर किसान को कपास की कीमत के रूप में चंद रुपए ही मिलते हैं। मार्केट गैप के कारण किसान को सही कीमत नहीं मिल पाती।
कार्यक्रम में सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि मध्यप्रदेश में कपास की खेती के लिए खासी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार कपास का क्षेत्र बढ़ाने की दिशा में भी काम कर रही है। इसके मद्देनजर धार जिले में विशाल कॉटन और टेक्सटाइल हब स्थापित किया जा रहा है। 10,000 करोड़ रुपए का यह टेक्सटाइल हब कपास किसानों की किस्मत बदल देगा।