500 करोड़ में 4 हजार एकड़ जमीन? टीडीपी ने लगाया लेपाक्षी घोटाला 2.0 का आरोप
राज्य सरकार से सवाल – किसानों के हितों की रक्षा के लिए कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे
500 करोड़ में 4 हजार एकड़ जमीन? टीडीपी ने लगाया लेपाक्षी घोटाला 2.0 का आरोप
विजयवाड़ा . विपक्षी टीडीपी ने राज्य सरकार से सवाल किया कि वह उन किसानों के हितों की रक्षा के लिए कदम क्यों नहीं उठा रही है, जिन्होंने घोटाले से ग्रस्त लेपाक्षी नॉलेज हब परियोजना के लिए जमीन दी है। टीडीपी के आधिकारिक प्रवक्ता नीलयापलेम विजय कुमार ने कहा कि ऋण समाधान कार्यवाही की आड़ में लेपाक्षी परियोजना में 4000 एकड़ जमीन को बेहद सस्ती कीमत पर हड़पने के लिए एक नया घोटाला सामने आ रहा है।
तत्कालीन राज्य सरकार ने लेपाक्षी परियोजना के लिए किसानों से अधिग्रहीत 8844 एकड़ भूमि इंदु प्रोजेक्ट्स को आवंटित कर दी थी। कुल भूमि में से इंदु प्रोजेक्ट्स ने 4190 एकड़ भूमि गिरवी रखकर बैंकों के संघ से 4000 करोड़ रुपये का ऋण उठाया। हालांकि यह परियोजना आगे नहीं बढ़ पाई और बाद में सीबीआई मामलों में फंस गई, जिसमें मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी पर बदले की भावना से काम करने के आरोप का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इंदु प्रोजेक्ट्स ने अपनी सहायक कंपनी के माध्यम से जगन की कंपनियों में कथित तौर पर भूमि आवंटन में रिश्वत के रूप में निवेश किया था।
इसके बाद इंदु प्रोजेक्ट्स को दिवालिया घोषित कर दिया गया और कार्यवाही एनसीएलटी में चली गई। विजय कुमार ने कहा कि आश्चर्य की बात है कि जिन बैंकरों ने 4000 करोड़ रुपये का ऋण दिया था, वे अब 4190 एकड़ जमीन की बिक्री से केवल 477 करोड़ रुपये वसूलने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जगन मोहन रेड्डी के करीबी रिश्तेदार इन जमीनों को सिर्फ 500 करोड़ रुपये में खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि बाजार दर 1 करोड़ रुपये प्रति एकड़ से अधिक है। विजय कुमार ने आगे कहा कि यह जानकर आश्चर्य होता है कि राष्ट्रीयकृत बैंक अपने पैसे की वसूली के लिए जमीनों की खुली नीलामी का विकल्प क्यों नहीं अपना रहे हैं और वे जो उधार दिया है उसका केवल 10 से 12 प्रतिशत से ही संतुष्ट क्यों हैं।
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