संसद में दिखा डॉ. सिंह का शायराना अंदाज
संसद में बीजेपी नेता सुषमा स्वराज डॉ. मनमोहन सिंह पर हमला बोल रही थी और उन्होंने डॉ. सिंह की तरफ देखकर कहा कि ‘तू इधर-उधर की न बात कर ये बता कि काफिला क्यूं लुटा’, इसका जवाब भी डॉ. मनमोहन सिंह ने शायराना अंदाज में दिया और कहा कि ‘माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मै. तू मेरा शौक देख मेरा इंतजार देख। इसके बाद संसद का माहौल ही बदल गया और पक्ष-विपक्ष के सांसद ठहाके लगाकर हंसने लगे। डॉ. मनमोहन सिंह का शायरना अंदाज देखकर बीजेपी नेता सुषमा स्वराज के चेहरे पर भी मुस्कान आ गई और उन्होंने भी डॉ. सिंह के शायरी पर जमकर ठहाके लगाए।
सिख दंगों के लिए संसद में मांगी थी माफी
डॉ. मनमोहन सिंह के नाम एक और उपलब्धि दर्ज है, पंडित जवाहरलाल नेहरू के बाद डॉ. मनमोहन सिंह पहले भारतीय थे, जो कि पहले पूर्ण कार्यकाल के बाद लगातार दूसरी बार भारत के पीएम बने थे। संसद में डॉ. मनमोहन सिंह ने सिख दंगों के लिए माफी मांगी थी। मनमोहन सिंह का दूसरा कार्यकाल काफी चर्चाओं में रहा। दरअसल, दूसरे कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के कई मामले सामने आए थे।
इन पदों पर रहे डॉ. मनमोहन सिंह
RBI गवर्नर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह अर्थशास्त्र के महारथी थे। साल 1982 में डॉ. सिंह को RBI का गवर्नर बनाया गया था। इस पद पर पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह 1985 तक रहे। इकॉनोमिक एडवाइजर का पद पूर्म पीएम मनमोहन सिंह साल 1972 में चीफ इकॉनोमिक एडवाइजर के पद पर कार्यरत थे। इस पद पर वो करीब चार साल तक रहे थे। इसके अलावा उन्हें प्लानिंग कमीशन का भी हेड बनाया गया था और 1985 से लेकर 87 तक उन्होंने यह कार्यभार संभाला था।
वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में पहली बार उन्हें वित्त मंत्री बनाया गया था। जहां उन्होंने अपनी समझदारी और आर्थिक नीति के दम पर कई सारे बदलाव किए। हालांकि इस पद के दौरान उन्हें विपक्षी नेता अटल बिहारी वाजपेयी की आलोचनाओं का सामना करना पड़ा।