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दूध का कारोबार से होगा नुकसान
चूड़िया गांव के लोग दूध का व्यापार नहीं करते, बल्कि घर में उत्पादित होने वाले दूध का अपने परिवार में उपयोग करते हैं। जरूरत से अधिक उत्पादित होने वाले दूध को जरूरतमंदों को मुफ्त में देते हैं। इस गांव में कोई भी व्यक्ति दूध बेचने का काम नहीं करता। यहां दूध न बेचना परंपरा बनी हुई है। अब तो यह धारणा है कि यदि दूध का कारोबार करेंगे तो नुकसान होगा।
क्या है वजह
स्थानिय लोगों को कहना है कि उन्होंने अपने पूर्वजों से सुना है कि चिन्ध्या बाबा ने ग्रामीणों को सीख दी। बाबा ने कहा था कि दूध और उससे निर्मित सामग्री को बेचना पाप है, इसलिए गांव में कोई दूध नहीं बेचेगा और लोगों को दूध मुफ्त में दिया जाएगा। संत चिन्ध्या बाबा की बात पत्थर की लकीर बन गई और तभी से गांव में दूध मुफ्त में मिल रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तीन हजार की आबादी वाले गांव में 40 प्रतिशत आबादी आदिवासी वर्ग की है, वहीं 40 प्रतिशत लोग ग्वाले हैं, जिस वजह से यहां बड़ी संख्या में मवेशी पालन होता है। इसके अलावा यहां अन्य जाति वर्ग की आबादी 20 प्रतिशत है।