आर्थिक संकट से जूझने वाली जेट कोई पहली एयरलाइन कंपनी नहीं है। इससे पहले पिछले 21 साल में देश की 12 बड़ी एयरलाइंस आर्थिक संकट के कारण बंद हो चुकी हैं। इनमें सरकारी विमानन कंपनियां भी शामिल हैं। आइए डालें एक नजर…
1. वायुदूत : सन 1981 में इस कंपनी की शुरुआत हुई थी। दरअसल यह इंडियन एयरलाइंस और एयर इंडिया का जॉइंट वेंचर था। यह कंपनी भी आर्थिक संकट में फंस गई और आखिरकार 1987 में बंद हो गई। कंपनी क्षेत्रीय संपर्क पर फोकस करने वाली थी।
2. सहारा एयरलाइंस: व्यापारिक घराने सहारा समूह ने भी एयरलाइन के क्षेत्र में अपनी किस्मत आजमाई। साल 1991 में सहारा एयरलाइन की शुराआत की गई, पर यह कंपनी भी ज्यादा देर तक नहीं चल पाई। कंपनी आर्थिक संकट से संघर्ष करने लगी। तभी 2007 में इसे जेट ने खरीद लिया।
3. MDLR (एमडीएलआर) : इस घरेलू विमानन कंपनी की शुरुआत 2007 में हुई। यह कंपनी हरियाणा की थी और पहली ऐसी विमानन कंपनी थी, जिसने अपने यात्रियों को पूरी तरह वेज खाना देने का वादा किया। हालांकि कंपनी उस समय अस्तित्व में आई, जिस समय एविएशन सेक्टर बूम पर था। इसके बावजूद कंपनी वित्तीय घाटों में घिर गई। अस्तित्व का संकट आ खड़ा हुआ और 2009 में कंपनी के विमान ने अंतिम उड़ान भरी।
4. ईस्ट वेस्ट एयरलाइंस : इस कंपनी की शुरुआत साल 1992 में हुई। यह देश की पहली प्राइवेट कंपनियों में शामिल थी। सन 1995 में कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर थाकियुद्दीन वाहिद की हत्या हो गई। कंपनी वित्तीय मुश्किलों का सामना करने लगी और 1996 में यह कंपनी भी बंद हो गई।
5. एनईपीसी (NEPC) : साल 1993 में चेन्नई के बिजनेस समूह ने NEPC एयरलाइन की शुरुआत की। कुछ ही साल में कंपनी का घाटा बढ़ने लगा। कंपनी ने अपने खर्च पूरे करने के लिए कर्ज लिया। लेकिन बढ़ते वित्तीय घाटे और अत्याधिक उधार के कारण आखिरकार कंपनी को 1997 में बंद करना पड़ा।
6. किंगफिशर एयरलाइंस : भगोड़े शराब कारोबारी
विजय माल्या ने भी साल 2003 में किंगफिशर एयरलाइंस की नींव रखी थी। वित्तीय अनियमितताओं के कारण फरवरी 2013 में DGCA ने इसका लाइसेंस सस्पैंड कर दिया था। नतीजन ये एयरलाइन बंद हो गई।
7. दमानिया एयरवेज: इस कंपनी की शुरुआत 1993 में हुई। यह कंपनी भी आर्थिक तंगियों से संघर्ष करते हुए 1997 में दम तोड़ गई। 8. मोदीलुफ्त : यह कंपनी बहुत कम समय ही चल पाई। साल 1993 में इस कंपनी की शुरुआत हुई थी, जबकि 1996 में यह बंद हो गई। तीन साल में ही यह आर्थिक संकट में फंस गई और फिर दोबारा नहीं उठ पाई।
9. अर्चना एयरवेज : इसकी नींव 1991में ही रख दी गई थी, पर कंपनी ने अपना ऑपरेशन 1993 में शुरू किया। पायलटों और स्टाफ को ट्रेनिंग देने का काम भी इस कंपनी ने शुरू किया। किंतु कंपनी ज्यादा देर तक खर्चे का बोझ नहीं झेल पाई। अंतत: साल 2000 में कंपनी ने एविएशन का अपना कारोबार समेट लिया।
10. एयर दक्कन : इस कंपनी की शुरुआत सन 2003 में हुई थी। इसे देश की सस्ती उड़ानों में गिना जाता था। कुछ ही साल में कंपनी आर्थिक मुश्किलों में घिर गई और इसे ज्यादा देर तक नहीं झेल पाई। साल 2007 में इसे एक अन्य विमानन कंपनी किंगफिशर ने खरीद लिया।
11. एयर पेगसस : बंगलूरु और हुबली के बीच उड़ान के साथ साल 2015 में इस कंपनी की शुरुआत हुई। 12 अप्रैल 2015 में कंपनी के विमान ने पहली उड़ान भरी। लेकिन बहुत जल्द ही यह कंपनी भी वित्तीय मुश्किलों में घिर गई और आखिरकार 22 नवंबर 2016 को कंपनी का लाइसंस रद्द कर दिया गया।
12. पैरामाउंट : इस कंपनी की शुरुआत सन 2005 में एक बिजनेस ट्रैवलर के तौर पर की गई थी। कंपनी की उड़ाने देश के दक्षिण-पूर्वी हिस्सों में थीं। यह कंपनी भी कुछ ही साल में वित्तीय घाटे में चली गई और इससे उभर नहीं पाई। साल 2010 में यह कंपनी भी बंद हो गई। इन कंपनियों के अलावा कुछ और विमानन कंपनियां भी हैं, जो वित्तीय संकट से जूझ रही हैं। इनमें एयर इंडिया भी शामिल है।