दिसंबर से किया था बंदर ने परेशान बताया जा रहा है कि तीन साल तक पूर्व मिर्जापुर जिले के शहर और कटरा कोतवाली क्षेत्र के विभिन्न मोहल्लों में बंदर आतंक का पर्याय बन गया था। वह सैकड़ों लोगों को काट चुका था। दिसंबर में उसका आतंक चरम पर पहुंच गया था। वह महिलाओं व छोटी बच्चियों के चेहरे को काट कर भाग जाता था। सभी लोग बंदर से परेशान थे।
मालिक पिलाता था शराब लोगों का कहना है कि कलुआ का मालिक उसे शराब पिलाता था। कलुआ’ का मालिक पेशे से तांत्रिक था और मिर्जापुर का ही रहने वाला था। काफी अरसे से यह तांत्रिक अपने पालतू बंदर को शराब पिलाता आ रहा था। तांत्रिक के मरने के बाद ‘कलुआ’ को शराब मिलना बंद हो गया और वो काफी हिंसक हो गया।
बंदर ने मचा रखा था आंतक मिर्जापुर में ‘कलुआ’ ने आतंक मचा रखा था। बताया जा रहा है कि उसने कई लोगों को काटा था और लोग उससे दहशत खाने लगे थे। उसके आतंक को देखते हुए स्थानीय लोगों ने वन विभाग और ज़ू प्रशासन को उसे पकड़ने के लिए बुलाया। बड़ी मुश्किल से ‘मंकी कैचर्स’ ने उसे पकड़ा और फिलहाल वो कानपुर के चिड़ियाघर में है।
तीन सालों में भी नहीं दिखा बदलाव वन विभाग के मुताबिक बंदर मांसाहारी व शराब पीता था। उसे शाकाहारी भोजन ही दिया जाता है। फिर भी तीन वर्ष में उसके अंदर बदलाव नहीं आया। उसके दांत बहुत धारदार है। दूसरे बंदर के साथ रखने पर ये उन्हें भी काट सकता है। इसलिए इसे छोड़ा नहीं जाएगा। पिंजरे में ही कैद रहेगा।