बाबा साहेब ने अपना सारा जीवन समाज में व्याप्त जाति व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष में बिता दिया। उन्हें 31 मार्च 1990 को मरणोपरांत भारत रत्न ( Bharat Ratna ) से सम्मानित किया गया था। बाबा साहेब का जीवन सचमुच संघर्ष और सफलता की अद्भुत मिसाल है।
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डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने दलितों और पिछड़ों को उनका अधिकार दिलाने के लिए जीवन भर संघर्ष किया। इसी मकसद से उन्होंने 31 जनवरी 1920 को मूकनायक नाम का अखबार शुरू किया था। उन्होंने हमेशा मजदूर वर्ग व महिलाओं के अधिकारों का समर्थन किया।