पुलिस के मुताबिक करीब 5 लोगों ने ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी के कारण दम तोड़ दिया। 2 की मौत पहाड़ से गिरने की वजह से हुई। जब ये लोग जड़ी-बूटी इकट्ठा कर रहे थे तो वे खड़ी चट्टान पर जा पहुंचे जिसकी वजह से उनका पैर फिसल गया और वो पहाड़ से नीचे गिर गए। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इन सब में से सबसे दर्दनाक मौत एक बच्चे की हुई जो अपनी मां के साथ यह जड़ी-बूटी इकट्ठा करने गया था। बच्चे का शरीर पहाड़ की ऊंचाई के हिसाब से ढल नहीं पाया और उसकी मौत हो गई।
बता दें की यह जड़ी-बूटी बिना लाइसेंस के बिना न तो खरीदी जा सकती है और न तो बेची जा सकती है। गौरतलब है कि हिमालय वियाग्रा जड़ी-बूटी भारत में प्रतिबंधित है। नेपाल में भी 2001 तक इसपर प्रतिबंध था। लेकिन 2001 के बाद नेपाल सरकार ने इसपर से प्रतिबंध हटा दिया। इसके तहत एक यार्सागुम्बा सोसायटी बनाई गई है। ये सासायटी यार्सागुम्बा को बेचने का काम करती है। यहां कई जगहों पर इसे इकट्ठा करने वालों के लिए स्वास्थ्य शिविर लगाए हैं।