जिसके परिणामस्वरूप पूरे देश में डर का माहौल बना हुआ है। इसलिए भारतीय सरकार ने कोरोनावायरस से बचाव के लिए उचित कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर भी एक अफवाह भी तेजी से फैल रही है कि नॉन-वेज ( Non-Veg ) खाना खाने से कोरोना तेजी से फैल रहा है।
कई सोशल मीडिया ( Social Media ) प्लेटफॉर्म पर यह दावा किया जा रहा है कि मीट खाने से कोरोना वायरस का प्रसार तेजी से फैल रहा है। इसलिए कई बार ट्विटर ( Twitter ) पर भी “स्टॉप ईटिंग मीट” और “नो मीट नो कोरोनोवायरस” जैसे रुझानों को देखा गया।
अब जब इस तरह की खबरें सुनने को मिल रही हो तो जाहिर सी बात कि परेशान होना भी तय है। आपके जेहन में भी यह सवाल जरूर आ रहा होगा कि क्या नॉनवेज खाने से कोरोना वायरस फैल रहा है या नहीं। चलिए आपके इसी उलझन को हम सुलझाने की कोशिश करते है।
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नॉनवेज भोजन से कोरोना वायरस के फैलने की अफवाह ने पोल्ट्री, फिश और मीट कारोबार को चौपट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। एक अनुमान के मुताबिक अकेले पोल्ट्री उद्योग को रोजाना 15 से 20 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। जबकि चिकन, मीट और मत्स्य उद्योग की सप्लाई से जुड़े 10 करोड़ लोगों के रोजगार पर संकट के बादल छाए हुए हैं।
क्या नॉनवेज खाना सुरक्षित है?
कुछ लोगों ने कोरोना के डर से चिकन ( Chiken ) या अंडा खाना भी बंद कर दिया है कि कहीं उन्हें भीकोरोना वायरस न हो जाए। आपको बता दें कि ये वायरस सिर्फ इंसान की खांस या छींक से बाहर आए ड्रॉपलेट्स के जरिए ही फैल सकता है। लेकिन फिर भी कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
शुरूआत से ही यह खबरें सुनने को मिल रही है कि कोरोना वायरस चीन ( China ) के मीट मार्किट से फैला है। यहां पर बड़ी तादाद में सी फूड, सांप, सूअर के मीट की बिक्री होती है। इस वजह से भारत में भी यह खबर तेजी से फैली कि मीट के सेवन से कोरोना तेजी से फैल रहा है।
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हालांकि डब्ल्यूएचओ ( WHO ) और भारत सरकार दोनों ने कोरोना पर फैल रही अफवाह पर अंकुश लगाने के लिए कोरोनावायरस से जुड़े कई प्रश्नों के बारे में कई ट्वीट्स भी किए हैं। मांसाहारियों को कोरोनोवायरस फैलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, यह तथ्य पूरी तरह से गलत है।
वैज्ञानिक रूप से भी इस बात का कोई ओर आधार नहीं है। इस बारे में डॉक्टर्स ( Doctors ) का कहना है कि मांस को पूरी तरह से आहार से अपनी डाइट से बाहर करने की कोई जरूरत नहीं है। लेकिन फिर भी कच्चे मांस के सेवन से निश्चित रूप से बचना चाहिए।
एम्स के डॉ. अनंत मोहन के मुताबिक यह अफवाह इसलिए सामने आई है क्योंकि वुहान में कोरोना वायरस से संक्रमित ज्यादातर लोग लोगों का समुद्री खाद्य बाजारों के साथ कुछ संपर्क बताया जा रहा है। जहां तक मांस या आहार का संबंध है, इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है।
इसके बावजूद भी एहतियात के तौर पर मांस को अच्छे से पकाकर खाना चाहिए। कोरोनावायरस एक सांस का वायरस है जो मुख्य रूप से एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैल सकता है। इसलिए अगर आप मांस का सेवन कर रहे है तो उससे परहेज करने की कोई जरूरत नहीं बशर्ते मांस अच्छी तरह पका हुआ हो।