नई दिल्ली। कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रभाव दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में देश के कई हिस्सों में 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है। इस दौरान लोग अपने-अपने घरों में ही रहेंगे। साथ ही मेल-जोल कम करेंगे। जिसे सोशल डिस्टेंस्गिं कहते हैं, लेकिन जरूरी चीजों की खरीदारी के लिए कई लोग अभी भी कैश का इस्तेमाल कर रहे हैं। मगर क्या नगद रुपयों का लेन-देन (Cash Transaction) सही है या नहीं आइए जानते हैं।
मोदी की नगरी वाराणसी में कोरोना का मिला पहला पॉजिटिव मरीज, अबु धाबी से लौटा था युवक डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना वायरस अब तीसरे स्टेज की तरफ बढ़ रहा है। अगर इसे अभी नहीं रोका गया तो ये भंयकर रूप धारण कर सकता है। इसलिए लोगों में सर्दी-जुकाम (Cold and Cough) , बुखार या अन्य कोरोना से संबंधित लक्षण (Symptoms) दिखे तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। साथ ही हाइजीन का ख्याल रखें। इस दौरान अपने घरों में रहें। बाहर की चीजों को खाने से बचने के अलावा रुपयों के लेन-देन पर भी कंट्रोल करें। क्योंकि कैश भी हम हाथों से छूते हैं। अगर कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रमित हुआ और आपने उससे नोट (Currency) लिए हो, तो उसका वायरस आपके शरीर में भी प्रवेश कर सकता है।
इस सिलसिले में रिजर्व बैक आफ इंडिया (RBI) यानि आरबीआई ने भी एक गाइडलाइन्स जारी की है। जिसके मुताबिक लोगों को कैश की जगह डिजिटल पेमेंट का ज्यादा इस्तेमाल करने को कहा गया है। गाइडलाइन के मुताबिक लोगों को कोरोना के कहर के दौरान कैश के आदान-प्रदान से बचना चाहिए। क्योंकि कैश के लेन-देन पर लोगों को एटीएम जाना होगा। वहां दूसरे लोग भी रुपए निकालने आ सकते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति संक्रमित हुआ तो आपमें वायरस आने का खतरा बढ़ जाएगा। इसके अलावा दूसरे से नोट लेने पर भी ये खतरा बना रहेगा। क्योंकि अन्य व्यक्ति ने रुपए रखते समय हाइजीन (Hygiene) का ध्यान रखा है या नहीं इस बारे में आप नहीं जानते होंगे। इसलिए आरबीआई ने लोगों को डिजिटल पेमेंट करने की अपील की है।
Hindi News / Hot On Web / क्या कैश के लेन-देन से भी बन सकते हैं कोरोना के शिकार, जानें जरूरी बातें