पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यात्रा पर निकलते समय हमें कई तरह के संकेत मिलते है, इनमें से कई इशारे तो हमको सावधान भी करते हैं। पं. शर्मा के अनुसार ऐसे में इन संकेतों को समझकर और छोटा सा उपाय करके आने वाले संकट से बचा जा सकता है।
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ऐसे समझें इशारा:-
किसी का टोकना
अक्सर कहा जाता है कि जब व्यक्ति कार्य के लिए निकल रहा हो तो उसे पीछे से नहीं टोकना चाहिए क्योकि ऐसा करने से जिस कार्य के लिए जा रहे है उन्हें उसमें असफलता मिलती है और उनका समय, पैसा इत्यादि सब व्यर्थ हो जाता है।
उपाय : इस अपशगुन से बचने के लिए तत्काल अपने इष्ट का स्मरण करें और दो घूंट पानी पीकर अपने लक्ष्य की तरफ निकल जाएं।
दूध का गिरना
यात्रा पर जाते समय यदि घर पर दूध उफन जाए, बिल्ली दूध पी जाए तो अपशगुन का संकेत होता है। इस अपशगुन से भयभीत न हों।
उपाय : आप भगवान शिव को दूध और जल मिलाकर चढ़ाएं और यात्रा पर जाएं, इससे दोष टल जाएगा।
छींक का आना
आप यदि घर से बाहर निकल रहे हैं और अचानक घर में या फिर घर से निकलते ही छींक हो जाती हैं तो यह अपशगुन माना गया है। यदि आपके साथ ऐसा होता है आप डरें नहीं।
उपाय : कुछ समय के लिए घर पर रुकें और दो घूंट पानी पीकर यात्रा पर रवाना हों, इससे यह दोष टल जाएगा।
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आप जरूरी काम से जाने के लिए निकले ही हों और तुरंत कोई कुत्ता आकर बेवजह ही आप पर भोंकने लगे और आपको आगे ना बढऩे दें, या फिर रोने की आवाज आए तो इसका अर्थ है कि आप कार्य में बाधा है।
यात्रा के दौरान बिल्ली का रास्ता काटना भी अपशगुन माना जाता है। यहां तक कि लोग यात्रा निरस्त कर देते हैं। तो इससे भी आपको डरने की जरुरत नहीं है।
जाते समय गाय के लगातार रंभाने की आवाज सुनाई दे तो समझना चाहिए कि यात्रा क्लेशकारी हो सकती है। कोशिश करें कि आप यात्रा पर न जाएं। उपाय : यदि यात्रा अधिक जरुरी है तो गाय को ग्रास खिलाकर और भगवान गिरधर गोपाल का स्मरण करके निकलें। इससे दुर्योग टल जाएगा।
यदि आप यात्रा पर जा रहे हैं और आधा फलांग चलने से पहले यदि सियार या लोमड़ी रास्ता काट दे तो इसे अशुभ मानना चाहिए।
यात्रा पर जाते समय कर्कश स्वभाव की महिला या फिर अंग-प्रत्यंग विक्षत यानी जिसकी आंख या नाक कटी हो, ऐसे व्यक्ति के मिलने पर कम से कम दस मिनिट के लिए यात्रा रोक देनी चाहिए।
– सूखे पेड़ पर तोता बोलता दिखाई देना।
– उल्लू का बाईं तरफ बोलना।
– स्वप्न में बिल्ली का ऊपर गिरना।
– रास्ते में खाली बर्तन का मिलना।
– सड़ी-गली सब्जी या फल दिखना।
– गुरु मंत्र का मन में जाप करना
– यथा संभव तिल का दान
– घर में वापस जाकर पानी पीकर निकलना
– जूते-चप्पल बदल कर निकलना
– गाय को ग्रास देकर या फिर मंदिर में दर्शन करके आगे लिए प्रस्थान करना
– सौभाग्यवती स्त्री या कन्या को प्रणाम करके आगे बढऩा।
– घर से मीठा मुंह करके यात्रा पर रवाना होना।