लिंगमुद्रा एक हस्त मुद्रा है जिसमें दोनों हथेलियों को इंटरलॉक कर ध्यान लगाया जाता है। ये मुद्रा ब्लड सकुग्लेशन बढ़ाने के साथ ही इंसुलिन के प्रवाह को भी ब्लड में बढ़ाती है। इसमें अंगूठे पर ध्यान केंद्रित किया जाता है और अंगूठा शरीर में अग्नि तत्व का प्रतीक माना जाता है। लिंगमुद्रा अग्नि तत्व को मजबूत करती है इससे ब्लड से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं। यह ध्यान मुद्रा भी होती है। इस योग को करने से तन, मन और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह मन को शांत करने में मदद करता है। लिंगमुद्रा करने से ऊर्जा का संचार होता है। सर्दी, जुकाम में भी ये अभयास फायदेमंद है।
2. संभव हो तो सिद्धासन में बैठें अन्यथा जो भी पोजिशन आपको सही लगे उसमें बैठ जाएं।
3. आंखों को बंद कर सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
4. इसके बाद अपने बाएं हाथ को पेट के पास लाएं और उस पर दाएं हाथ को मुट्ठी बांधकर रख दें।
5. अब अपने अंगूठे को एकदम सीध में रखें। इस पर ध्यान केंद्रित करें।
6. इस मुद्रा में आप 10-15 मिनट तक रह सकते हैं।
7. लिंगमुद्रा को जब भी आप चाहे कर सकते हैं। इसके लिए समय की कोई पाबंदी नहीं है।
लिंगमुद्रा शरीर में ऊष्मा और ऊर्जा का संचार करता है, इसलिए इसे ऊष्मा और ऊर्जा की मुद्रा भी कहा जाता है। लिंगमुद्रा शरीर में गर्मी, ऊष्मा को बढ़ाने में मदद करती है। सर्दी के मौसम में लिंगमुद्रा करना अधिक लाभदायक होता है, क्योंकि यह शरीर में ऊष्मा या गर्मी को बढ़ाता है।
स्वास्थ्य को लिंगमुद्रा के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। लिंगमुद्रा श्वसन तंत्र के लिए काफी अच्छी मुद्रा है। यह सांस से संबंधित रोगों और अस्थमा की समस्याओं से भी बचाव करता है। लिंगमुद्रा का नियमित अभ्यास करने से गले में जमा कफ आसानी से निकल जाता है। इसे करने से खांसी की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। यह फेफड़ों को भी मजबूत बनाता है।
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता बीमारियों से लड़ने में आपकी मदद करती है। इसलिए आपको अपनी इम्यूनिटी को हमेशा मजबूत बनाए रखने चाहिए। अकसर सर्दियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है, जिससे सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार जैसी सामान्य बीमारियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन लिंगमुद्रा का अभ्यास करके आप अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकते हैं। लिंगमुद्रा मौसम संबंधी समस्याओं से भी बचाता है। लिंगमुद्रा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मददगार है।
वजन को नियंत्रण में रखने के लिए आप इस मुद्रा का अभ्यास कर सकते हैं। अगर आपका वजन बहुत ज्यादा है, तो इस स्थिति में लिंगमुद्रा को करना बेहद फायदेमंद होता है। वजन घटाने के लिए आप इस मुद्रा को दिनभर में 2-3 बार कर सकते हैं। लिंगमुद्रा के अभ्यास से कैलोरी बर्न करने में मदद मिलती है। यह शरीर से एक्सट्रा फैट, कैलोरी को बर्न करता है और मोटापे को कम करता है।
आजकल ब्लड प्रेशर की समस्या बेहद सामान्य हो गई है। अधिकतर लोग इस समस्या से जूझ रहे हैं। अगर आप भी ब्लड प्रेशर की समस्या से परेशान हैं, तो लिंगमुद्रा का नियमित रूप से अभ्यास कर सकते हैं। इस मुद्रा को करने से रक्तचाप नियंत्रण में रहता है। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए इस मुद्रा को किया जा सकता है।
दिनभर के काम, थकान और बिजी शेड्यूल के चलते शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। इस स्थिति में शरीर और मन दोनों थक जाते हैं। ऐसे में लिंगमुद्रा का अभ्यास किया जा सकता है। इससे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलती है। यह तन, मन और आत्मा सभी को ऊर्जा प्रदान करने में मदद करता है। यह सर्दी में ऊर्जा बढ़ाने का अच्छा उपाय है।