कई विटामिन, खनिज, और प्रोटीन से भरी चौलाई हाई फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, विटामिन ए, बी6, सी, ई और यहां तक कि आयरन, मैग्नीशियम, फास्फोरस, कॉपर, कैल्शियम, पोटेशियम, सेलेनियम और मैंगनीज जैसे खनिजों से भरी होती है। चौलाई को अमीनो एसिड और फैटी एसिड का भी एक बड़ा स्रोत माना जाता है और यही कारण है कि ये अन्य साग से ज्यादा फायदेमंद होती है।
चौलाई के गुण
चौलाई जीवाणुरोधी, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, कसैले, पाचन, कार्मिनेटिव, हाइपोलिपिडेमिक और डायफोरेटिक गुणों से भरी होती है।
चौलाई डायबिटीज रोगियों के लिए वरदान है। ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में जादुई असर दिखाती है। वहीं, ये कफ-पित्त संतुलन दोषों के कारण मेटाबॉलिज्म में सुधारने वाली भी मानी गई है। एंटी-ग्लाइसेमिक गुणों से भरी चौलाई हाई फाइबर से भरी होती है और शुगर को जल्दी ब्लड में घुलने नहीं देती और खाने को पेट में लंबे समय तक रखती है। साथ ही ये अग्न्याशय को सक्रिय करता है और संतुलित मात्रा में इंसुलिन के स्राव को उत्तेजित करता है।
चौलाई एक ऐसा पत्तेदार हरा साग है जो हार्ट के मरीज के लिए भी फायदेमंद है। एंटीऑक्सीडेंट और एक कार्डियो-प्रोटेक्टिव घटक होने के नाते, यह कई हृदय रोगों के इलाज में मदद कर सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल को कम कर ये हार्ट पर से प्रेशर हटाता है। धमनियों में जमा वसा हटाने में चौलाई बहुत काम आती है।
आयरन, विटामिन सी और बी9 से भरपूर चौलाई के पत्तों का सेवन एनीमिया को रोकने में मदद कर सकता है। यह एनीमिया के कई लक्षणों जैसे सामान्य थकान, शारीरिक कमजोरी और त्वचा की पीली मलिनकिरण, चक्कर, आलस्य, सांस की तकलीफ, चक्कर आना, सूजन और सिरदर्द के इलाज के लिए बेहतरीन है।