बॉलीवुड फिल्म निर्देशक अनुराग कश्यप ने उनके इस पत्र को अपने इंस्टाग्राम अकाउंट से शेयर किया है। सहारा करीमी ने अपने पत्र में लिखा है, ‘मेरा नाम सहारा करीमी है, और मैं एक फिल्म निर्देशक हूं और अफगान फिल्म की वर्तमान महानिदेशक हूं, जो 1968 में स्थापित एकमात्र सरकारी स्वामित्व वाली फिल्म कंपनी है। मैं टूटे हुए दिल के साथ ये लिख रही हूं और इस उम्मीद के साथ कि आप मेरे खूबसूरत देश को तालिबान से बचाने में शामिल होंगे। तालिबान ने पिछले कुछ दिनों में कई प्रांतों पर कब्जा कर लिया है। उन्होंने हमारे लोगों का नरसंहार किया। कई बच्चों का अपहरण कर लिया गया है। एक महिला को उसके कपड़ों के लिए मार डाला गया। उन्होंने हमारे पसंदीदा हास्य कलाकारों में से एक को प्रताड़ित किया और मौत के घाट उतार डाला। उन्होंने एक प्रागैतिहासिक कवि को मार डाला। सरकार से जुड़े लोगों को मार डाला। कुछ लोगों को सार्वजनिक रूप से फांसी पर लटका दिया गया। लाखों परिवारों को विस्थापित कर दिया। काबुल में परिवार शिविरों में रह रहे हैं। दूध के अभाव में बच्चों की मौत हो रही है। यह एक मानवीय संकट है। लेकिन दुनिया खामोश है।’
वह आगे लिखती हैं, ‘हमें इस चुप्पी की आदत हैं लेकिन हम जानते हैं कि यह सही नहीं है। हम जानते हैं कि हमारे लोगों को छोड़ने का फैसला गलत है। हमें आपकी आवाज की जरूरत है। अगर तालिबान सत्ता संभालता है तो वह सभी कलाओं पर रोक लगा देंगे। वो महिलाओं के अधिकारों का हनन करेंगे। साथ ही सहारा करीमी ने लिखा, तब सत्ता पर तालिबान काबिज था तो स्कूल जाने वाली लड़कियों की संख्या शून्य थी। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों में तालिबान ने कई स्कूलों को तबाह कर दिया है। 20 लाख लड़कियों को स्कूल से निकाल दिया गया है। मैं दुनिया की इस चुप्पी को नहीं समझ पा रही हूं। लेकिन मैं अपने देश के लिए लड़ूंगी लेकिन मैं इसे अकेले नहीं कर सकती। मुझे आपके जैसी सहयोगियों की मदद चाहिए।’
सहारा करीमी ने आखिर में लिखा, ‘हमें अफगान महिलाओं, बच्चों, कलाकारों और फिल्म निर्माताओं की ओर से आपके समर्थन और आवाज की जरूरत है। आपकी मदद सबसे बड़ी होगी जिसकी हमें अभी जरूरत है। कृपया हमारी मदद करें दुनिया को अफगानों को छोड़ने न दें। कृपया हमारी मदद करें इससे पहले कि तालिबान सत्ता में आ जाए। हमारे पास बहुत कम वक्त है। शायद कुछ ही दिन हैं।’