विश्व बैंक के अनुसार अत्यधिक गरीब होने के दायरे में वे लोग आते हैं जिनके पास जीवन जीने के लिए एक दिन में 145 रुपए यानी करीब 1.90 डॉलर से भी कम हों। हाल ही दिए एक साक्षात्कार में मालपास ने कहा कि कोरोना वायरस से उत्पन्न आर्थिक संकट के कारण दुनिया में करीब 6 करोड़ से अधिक लोगों को प्रतिदिन 95 रुपए (करीब 1 पाउंड) से कम राशि में अपना जीवन जीने पर विवश होना पड़ेगा। मालपास ने कहा कि महामारी और उसके बाद हुए वैश्विक लॉकडाउन के चलते दुनियाभर के करोड़ों लोगों की जिंदगी हाशिए पर पहुंच गई हैं। वायरस का सबसे ज्यादा असर उन्हीं पर हो रहा है जो लोग बमुश्किल इसका सामना कर पा रहे हैं। गरीब देशों में लोग ना केवल बेरोजग़ार हो रहे हैं बल्कि असंगठित क्षेत्रों में भी काम नहीं मिल रहा जिसका असर एक दशक तक रह सकता है।