संगीत सुनने वक्त कई बार किसी खास किस्म के गाने सुनते हुए लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं, वो असल में दूसरों लोगों से काफी अलग होते हैं। उनके दिमाग की कई नसें ऑडिटरी कॉर्टेक्स से जुड़ी होती हैं। इस कारण उनका दिमाग गानों को सुनकर काफी इमोशनल हो जाता है। जिसके कारण उनके रोंगटे खड़े हो जाते हैं जो यह बात का संकेत है की ऐसे लोग गानें सुनते वक्त उसके शब्दों से काफी ज्यादा जुड़ाव महसूस करते हैं।
डर लगने के कारण कई बार आपको जब डर लगता है तो आपके हाथ-पैर के बाल अचानक खड़े हो जाते हैं। रोंगटे खड़े होने का अनुभव आपको उस वक्त भी होता है जब आप कोई हॉरर फिल्म या डरावनी वीडियो देखते हैं या फिर कई बार तो अतीत में हो चुकी किसी पुरानी घटना को याद करके भी आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं।
ठंड लगने के कारण अक्सर जब हमें ठण्ड लगती है तो हमारे रोंगटे अचानक खड़े हो जाते हैं। दरअसल ठण्ड में रोंगटे खड़े होना हमारे शारीरिक स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है, दरअसल जब आपके रोंगटे खड़े होते हैं तो आपके शरीर पर मौजूद बाल अचानक खड़ा हो जाता है जो त्वचा को गर्म रखने का काम करता है।
ज्यादा इमोशनल होने के कारण जब आप किसी बात को लेकर ज्यादा इमोशनल हो जाते हैं तो आपके रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कोई अचानक से भावनात्मक प्रतिक्रिया में आए बदलाव की वजह से भी ऐसा होता है। यह इसलिए होता है कि आपके शरीर में मौजूद स्ट्रेस हॉर्मोन जिसे ऐड्रेनलिन कहते हैं, इस हॉर्मोन के अवचेतन अवस्था में रिलीज होने पर ही रोंगटे खड़े होते हैं।
अचानक कुछ नया महसूस होने पर जब भी आपको कुछ नया मालूम होता है, तो आपका ब्रेन उसे तुरंत समझ नहीं पाता। उस वक्त आप थोड़ा सा विचलित भी हो जाते हैं, जिसके कारण गूजबम्पस निकलते हैं।