scriptजानिए सर्दियों के मौसम में किन वजहों से बढ़ जाता है हार्ट फेलियर का ख़तराऔर क्या है इसके बचाव उपाय | what factors increase heart failure in winter | Patrika News
स्वास्थ्य

जानिए सर्दियों के मौसम में किन वजहों से बढ़ जाता है हार्ट फेलियर का ख़तराऔर क्या है इसके बचाव उपाय

कई शोध से पता चला है कि सर्दियों के मौसम में हार्ट फेल्‍योर के मरीजों की अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु दर काफी अधिक बढ़ जाती है। ऐसा इसलिए होता है कि इस दौरान वह बीमारियां जैसे हार्ट अटैक इश्‍चेमिक हार्ट डिसीज ब्लड प्रेशर जो हार्ट फेल्‍योर के लिए उत्तरदायी हैं वह तुलनात्मक रूप से ठंड के दिनों में अधिक बढ़ जाते हैं। तापमान में गिरावट के कारण तमाम तरह के शारीरिक परिवर्तन होते हैं जिसके कारण श्वांस में कमी एड़ियों में सूजन हमेशा थकावट महसूस होना बिना तकिया लगाए सोने में परेशानी होना आदि जैसे हार्ट फेल्‍योर के लक्षण और बदतर होने लगते हैं।

Dec 07, 2021 / 10:33 am

MD IMRAN AHMAD

what factors increase heart failure in  winter

what factors increase heart failure in winter

नई दिल्ली : हार्ट फेल्‍योर एक तेजी से बढ़ने वाली अवस्था है जिसमें ह्रदय शरीर की ऑक्‍सीजन एवं पोषक तत्‍वों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त रक्त का संचार नहीं कर पाता और ऐसा समय के साथ हृदय की मांसपेशियों के कमजोर होने के कारण होता है। सर्दियों के मौसम में छाती में संक्रमण हृदय गति में वृद्धि और रक्तचाप जैसी स्थितियों में वृद्धि होती है जो हृदय गति को खराब कर सकती हैं। कम तापमान रक्त वाहिकाओं को संकीर्ण कर सकता है और रक्त प्रवाह को प्रतिबंधित कर सकता है जिससे हृदय पर अधिक दबाव पड़ सकता है। इसलिए दिल के रोगियों का अगर समय रहते इलाज हो जाए तो काफी फायदा मिल सकता है खासतौर पर सर्दियों में।
सर्दियों में हार्ट फेल्‍योर के लिए जोखिम कारक

1. हाई ब्लड

प्रेशर ठंड का मौसम रक्तचाप के स्तर में उतार-चढ़ाव और हृदय गति में वृद्धि का कारण बन सकता है। नतीजतन यह दिल की विफलता के रोगियों में अस्पताल में भर्ती होने का कारण बन सकता है।
2. वायु प्रदूषण

सर्दियों के दौरान, स्मॉग और प्रदूषक ज़मीन के करीब जमा हो जाते हैं जिससे छाती में संक्रमण और सांस लेने में तकलीफ होने की संभावना बढ़ जाती है। हार्ट फेलियर के रोगियों को आमतौर पर सांस की तकलीफ का अनुभव होता है और प्रदूषक उनके लक्षणों को खराब कर सकते हैं जिससे गंभीर मामलों में अस्पताल में भर्ती होना पड़ सकता है।
3. पसीने की कमी

कम तापमान से पसीना कम होता है। नतीजतन शरीर अतिरिक्त पानी से छुटकारा पाने में सक्षम नहीं हो सकता है और यह फेफड़ों में तरल पदार्थ का निर्माण कर सकता है जिससे हार्ट फेलियर के रोगियों में हृदय क्रिया बिगड़ सकती है।
4. विटामिन-डी की कमी

विटामिन-डी दिल में स्कार टिशू के निर्माण को रोकता है जो दिल के दौरे के बाद हार्ट फेलियर से बचाता है। सर्दियों में, सूरज की रोशनी के उचित संपर्क की कमी के कारण कम विटामिन-डी के स्तर से दिल की विफलता का ख़तरा बढ़ जाता है।
वीटामिन डी की कमी

सूर्य की किरणों की विटामिन विटामिन डी हार्ट में जख्म वाले टिश्यू को बनने से रोकता है जो हार्ट फेल्‍योर से हार्ट अटैक के पश्चात सुरक्षा करता है। ठंड के मौसम में सूर्य की पर्याप्त रौशनी नहीं मिल पाती विटमिन डी का घटा स्तर हार्ट फेलियर का खतरा पैदा कर सकता है।
सर्दियों के मौसम में रखें अपने हार्ट का ख्‍याल और उनका बचाव
‘ठंड के प्रभाव’ के बारे में जागरूकता मरीजों और उनके परिवारजनों को प्रोत्साहित करती है कि वह हार्ट फेल्‍योर के कारकों को लेकर सावधान रहें। विशेष रूप से हार्ट फेल्‍योर के मरीजों और पहले से मौजूद हृदय स्थितियों वाले लोगों को ठंड के मौसम में सावधान रहना चाहिए और लाइफस्टाइल में नीचे दिए गए बदलावों को अपनाकर अपने हृदय की देखरेख करनी चाहिए
1. अपने डॉक्टर के पास जाएँ और ब्‍लड प्रेशर की जांच कराते रहें
2. पानी और नमक का कम प्रयोग करें क्योंकि ठंड के मौसम में पसीना कम आता है
3. ठंड के कारण होने वाली बीमारियों जुकाम खांसी फ्लू आदि से बचें

Hindi News / Health / जानिए सर्दियों के मौसम में किन वजहों से बढ़ जाता है हार्ट फेलियर का ख़तराऔर क्या है इसके बचाव उपाय

ट्रेंडिंग वीडियो