विटामिन ‘के’ की भूमिका क्या है?
विटामिन ‘के’ (Vitamin K) हमारे शरीर में खून का थक्का जमाने (ब्लड क्लॉटिंग) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब शरीर में चोट लगती है या किसी घाव से खून बहता है, तो विटामिन ‘के’ इस खून को थक्के के रूप में जमा कर रक्तस्राव को रोकने में मदद करता है। इसके अलावा, यह हड्डियों की मजबूती और आंतों की स्वास्थ्य में भी सहायक होता है।Vitamin K Deficiency : विटामिन ‘के’ की कमी के लक्षण
विटामिन ‘के’ की कमी (Vitamin K Deficiency) धीरे-धीरे शरीर में स्पष्ट लक्षण दिखाती है। इसके मुख्य लक्षणों में शामिल हैं: अधिक रक्तस्राव: मामूली चोट लगने पर भी अधिक खून बहना।नाक और मसूड़ों से खून आना: बिना किसी चोट या कारण के नाक और मसूड़ों से खून बहना।
हड्डियों का कमजोर होना: हड्डियों की घनत्व में कमी से हड्डियों का जल्दी टूटना।
मासिक धर्म में अनियमितता: महिलाओं में मासिक धर्म चक्र में असामान्य परिवर्तन।
लीवर और आंतों में समस्याएं: लीवर की कार्यक्षमता में गिरावट और आंतों की कमजोरी।
विटामिन ‘के’ के स्रोत
विटामिन ‘के’ के दो प्रमुख रूप होते हैं – विटामिन ‘के1’ और विटामिन ‘के2’। विटामिन ‘के1’: यह मुख्य रूप से हरे पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। सरसों का साग, पालक, ब्रोकोली, और केल इसके प्रमुख स्रोत हैं।
विटामिन ‘के2’: यह विटामिन मांस, अंडे, पनीर और कुछ बैक्टीरिया द्वारा संश्लेषण के जरिए प्राप्त होता है। यह लीवर और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
उपचार और बचाव के उपाय
विटामिन ‘के’ की कमी (Vitamin K Deficiency) से बचने के लिए आहार में संतुलन बनाए रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसके लिए: – हरी पत्तेदार सब्जियों का नियमित सेवन करें।– मांस, अंडे और डेयरी उत्पादों को अपनी डाइट में शामिल करें।
– अंकुरित अनाज और फल भी विटामिन ‘के’ के अच्छे स्रोत हैं।
विटामिन ‘के’ की कमी (Vitamin K Deficiency) को आसानी से रोका जा सकता है अगर हम अपने आहार पर ध्यान दें। “यदि आप नियमित रूप से हरी सब्जियों और पशु उत्पादों का सेवन करते हैं, तो विटामिन ‘के’ की कमी से बचा जा सकता है। इसके अलावा, जिनका आहार असंतुलित होता है, उन्हें विटामिन की पूर्ति के लिए विशेष ध्यान देना चाहिए।”
विटामिन ‘के’ की कमी से बचने के अन्य उपाय
प्राकृतिक स्रोतों पर निर्भर रहें: सप्लीमेंट्स के बजाय प्राकृतिक स्रोतों से विटामिन प्राप्त करने की कोशिश करें।संतुलित आहार का सेवन करें: विटामिन ‘के’ के साथ-साथ अन्य आवश्यक विटामिन और मिनरल्स को भी अपने आहार में शामिल करें।
आयुर्वेदिक उपचार: आयुर्वेद में भी विटामिन ‘के’ की कमी को संतुलित करने के लिए कुछ औषधीय पौधों का उपयोग किया जाता है। विशेषज्ञ की सलाह से इनका सेवन कर सकते हैं।