Typhoid trend changes : टाइफाइड के बदले रूप ने बढ़ाई चिंता, पहले से ज्यादा हुआ खतरनाक : वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ अशोक गुप्ता
Typhoid trend changes : जयपुर में मौसम के अचानक बदलाव का असर बच्चों की सेहत पर गहरा पड़ रहा है। हाल ही में बच्चों में बैक्टीरिया जनित बीमारियां तेजी से फैल रही हैं, जिससे कई बच्चे एक महीने तक बीमार रहते हैं।
Typhoid trend change Monsoon diseases Viral fever Symptoms of typhoid in kids senior pediatrician Ashok Gupta
Typhoid trend changes : जयपुर. मौसम में हो रहे अचानक बदलाव का सीधा असर बच्चों की सेहत पर पड़ रहा है। बैक्टीरिया जनित बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, और बच्चों को इन बीमारियों से उबरने में एक महीने तक का समय लग रहा है। आमतौर पर इस तरह के केस गर्मी और मानसून के दौरान देखे जाते हैं, लेकिन वर्तमान में यह समस्या रोजाना सामने आ रही है।
Typhoid trend changes : राजधानी के सरकारी और निजी अस्पतालों की पीडियाट्रिक ओपीडी में पीलिया, टायफाइड (Typhoid) और वायरल इन्फेक्शन के केस बढ़ गए हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के कारण कई बैक्टीरिया सक्रिय हो गए हैं और जिन बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, वे इन बैक्टीरिया के चपेट में आ रहे हैं। पिछले महीने की तुलना में बच्चों में बैक्टीरिया जनित बीमारियों के मामलों में 20-25 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
Typhoid trend changes : इन बच्चों में तेज सिरदर्द, बुखार, उल्टी, दस्त, पेट दर्द, बहती नाक, गले में खराश, छींक, चकत्ते, भूख की कमी, सुस्ती, शरीर में दर्द और पीलापन जैसे लक्षण देखे जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, दूषित खानपान, गीले कपड़ों में देर तक रहना, ठंडे पेय पदार्थों का सेवन और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आना इन बीमारियों के फैलने के मुख्य कारण हैं। यह स्थिति हर उम्र के बच्चों को प्रभावित कर रही है।
Typhoid trend changes : दूषित खान-पान से बचाव जरूरी
टायफाइड दूषित पानी और बासी खाने से फैलता है। पीलिया भी दूषित खानपान से होता है। बच्चों को इन बीमारियों से बचाने के लिए ताजा खाना खिलाने, स्ट्रीट फूड और दूषित पानी से बचने की सलाह दी गई है। इसके अलावा, किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।
स्ट्रीट फूड से बचें – बाहर का खाना और दूषित पानी बच्चों को इन बीमारियों का शिकार बना सकते हैं। दवा का सही इस्तेमाल – टायफाइड और पीलिया जैसी बीमारियों का इलाज समय पर किया जाना चाहिए।
Typhoid trend changes , सेकंड जनरेशन दवाओं की जरूरत
इस बार टायफाइड, पीलिया और वायरल फीवर के मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है और बारिश भी इसके कारणों में शामिल है। इस बार टायफाइड का ट्रेंड भी बदल गया है। पहले टायफाइड 21 दिन में ठीक हो जाता था, लेकिन अब ठीक होने में ज्यादा दिन लग रहे हैं। कई केस में बच्चों को सेकंड जनरेशन दवाएं देनी पड़ रही हैं, क्योंकि एक बार दवा लेने से सुधार नहीं हो रहा है।
-डॉ. अशोक गुप्ता, वरिष्ठ शिशुरोग विशेषज्ञ
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